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EPS 95 Pension Hike In CBT Meeting: EPS 95 न्यूनतम पेंशन 7500 को लेकर EPFO बोर्ड CBT की बैठक में हो सकता है बड़ा फैसला

EPS 95 पेंशन बढ़ोतरी को लेकर इन दिनों काफी चर्चा चल रही है। कर्मचारी पेंशन स्कीम (EPS 95)को लेकर एक तरफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का इंतजार हो रहा है। वहीं, दूसरी तरफ न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी 7500 को लेकर चर्चा तेज है। EPFO की कर्मचारी पेंशन स्कीम (Employee pension scheme) के तहत मिलने वाली न्यूनतम पेंशन (Minimum pension) पर 20 नवम्बर को बड़ा फैसला होने की उम्मीद है। दरअसल, 29-30 जुलाई 2022 को EPFO के केंद्रीय न्यास बोर्ड (CBT) की 231वी बैठक होने जा रही है। बोर्ड बैठक के एजेंडे में न्यूनतम पेंशन का मुद्दा अगर शामिल हुआ तो EPS 95 पेंशनधारकों को अच्छी खबर मिल सकती है।


न्यूनतम पेंशन 7500 रुपए करने की डिमांड EPS 95 पेंशनधारकों द्वारा राखी जा रही है

लंबे समय से मिनिमम पेंशन 1000 रुपए से बढ़ाने की डिमांड है। उम्मीद की जा रही है कि नए लेबर मिनिस्टर भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में इस पर 29-30 जुलाई 2022 को फैसला लिया जा सकता है। मार्च में संसद की स्टैंडिंग कमिटी ने मिनिमम पेंशन (Minimum pension news) की राशि को 1000 रुपए से बढ़ाकर 3000 रुपए तक करने की सिफारिश की थी। हालांकि, पेंशनर्स डिमांड है कि पेंशन राशि बहुत कम है, इसे बढ़ाकर न्यूनतम 7500 रुपए किया जाना चाहिए। तभी सही मायने में EPS 95 पेंशनधारक को फायदा मिलेगा। साथ ही सभी को मुफ्त में चिकित्सा सुविधाए भी दी जाये। पेंशन को DA के साथ जोड़ा जाए।

सभी को अवगत है की लगभग 5 राज्यों के हाई कोर्ट ने पेंशन को मौलिक अधिकार माना है। इसकी सीलिंग को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। सीलिंग हटेगी तो उसका फायदा पेंशन में मिलेगा। हालांकि, डिमांड है कि कर्मचारी के रिटायरमेंट से ठीक पहले की आखिरी सैलरी के अनुसार पेंशन तय की जानी चाहिए। वहीं, श्रम मंत्रालय ऐसा करने में अपनी असमर्थता जता चुका है। लेकिन, 29-30 जुलाई 2022 की बैठक में इस एजेंडे को शामिल किया जाने पर इसपर फैसला आ सकता है

क्या है EPS 95 पेंशन स्कीम?

EPFO के तहत प्रोविडेंट फंड पाने पर सभी सब्सक्राइबर्स के लिए कर्मचारी पेंशन स्कीम-1995 है। इसमें संगठित क्षेत्र के तहत काम करने वाले लोगों को 58 साल की उम्र के बाद पेंशन मिलती है। इसके लिए कर्मचारी के लिए कम से कम 10 साल की नौकरी करना अनिवार्य है। स्कीम के तहत नियोक्ता ईपीएफ में 12 फीसदी राशि कर्मचारी के नाम पर जमा करते हैं। जिसमें 8.33 फीसदी रकम पेंशन के लिए दी जाती है। और रिटायरमेंट के बाद पेंशन फंड में अंशदान के आधार पर पेंशन की राशि तय की जाती है। इसके तहत मिनिमम 1000 रुपए की पेंशन दी जाती है। स्कीम में विधवा पेंशन, बच्चों की पेंशन की सुविधा मिलती है। अगर कर्मचारी की नौकरी के दौरान 58 साल से पहले मौत हो जाती है, तो उसकी पत्नी और बच्चे पेंशन मिलती है।

सरकार के पास नहीं है फंड

भले ही पेंशन को बढ़ाने की चर्चा चल रही है। लेकिन, हकीकत यह है कि सरकार के पास फिलहाल फंड नहीं है। कोविड महामारी और इकोनॉमिक एक्टिविटी रुकने से सरकारी खजाने पर असर पड़ा है। पहले भी इस बात को रखा जा चुका है बिना अतिरिक्त बजटीय सहयोग के न्यूनतम पेंशन को बढ़ाना मुश्किल है। ऐसे में इस बार भी पेंशनर्स को इस मामले में राहत मिलती नहीं दिख रही है।





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