आदेश में कहा गया है कि सभी प्रकार के वादों में राज्य सरकार की तरफ से दाखिल किए जाने वाली शपथपत्रों में अध्यादेश की व्यवस्था न्यायालयों में स्पष्ट रूप से जिक्र किया जाएं। विभाग अध्यक्षों इस प्रकार के मामलों में यूपी पेंशन अर्हकारी सेवा एंव विधिमान्यकरण अध्यादेश 2020 को राज्य सरकार की तरफ से प्रतिवाह करने का आधार माने। जिन वादों में शपथपत्र बिना अध्यादेश के दाखिल किए गए हैं, उनमें पूरक प्रति शपथपथ दाखिल किया जाना चाहिए। साथ ही जिन वादों में आदेश अदालत ने पारित किए हैं। उसमें पुनर्विचार याचिका, विशेष अपील और क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल किया जाएगा।
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा की ओर से इंटरनेट मीडिया के माध्यम से आंदोलन को तेज किया जा रहा है। कुटुंब नाम के एक मोबाइल एप पर पुरानी पेंशन बहाली को लेकर समर्थन जुटाया जा रहा है। एक सप्ताह के भीतर ही इस एप पर करीब एक लाख कर्मचारी जुड़ गए हैं। मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य आलोक पांडे के नेतृत्व में चल रहे राष्ट्रीय प्रचार अभियान को वृहद स्तर पर विभिन्न प्लेटफॉर्म पर पहुंचाया जा रहा है। बीते 18 फरवरी को संयुक्त मोर्चा की उत्तराखंड टीम ने इस समर्थन मुहिम को इंटरनेट मीडिया के प्लेटफॉर्म पर ले जाने की पहल की। जिसे देशभर से बेहतरीन प्रतिक्रिया मिली और महज सप्ताहभर में एक लाख नई पेंशन योजना आच्छादित कर्मचारी इस प्लेटफॉर्म पर जुड़ चुके हैं। प्रतिदिन लगभग 10 हजार कर्मचारी इस प्लेटफॉर्म के जरिये पुरानी पेंशन बहाली के लिए संयुक्त मोर्चा से जुड़ रहे हैं।
कोरोना काल के समय से मेडिकल कैंप विभाग ने बंद किए हुए थे। अब विभाग फिर से मेडिकल कैंप लगाकर आयु की जांच करने जा रहा है। इस बार मेडिकल में भी कुछ बदलाव किया गया है। जिस आवेदनकर्ता के पास जन्मतिथि प्रमाण पत्र, स्कूल प्रमाण पत्र, मतदाता पहचान पत्र व मतदाता सूची में नाम है, उन्हें उसी आधार पर योजना का लाभ मिलेगा। जन्मतिथि का कोई भी प्रमाण पत्र है तो विभाग की तरफ से उनका मेडिकल नहीं करवाया जाएगा। बुढ़ापा पेंशन सम्मान भत्ता के लिए जिन बुजुर्गों के पास अपनी आयु का कोई प्रमाणपत्र नहीं है, उनकी आयु के आकलन के लिए प्रत्येक माह के दूसरे मंगलवार व दूसरे बुधवार को समाज कल्याण विभाग कार्यालय में आवेदन फॉर्म जमा करवा सकते हैं। प्रत्येक माह के तीसरे और चौथे शुक्रवार को मेडिकल बोर्ड के सदस्यों की ओर से आयु की जांच की जाएगी।
बुधवार को हरियाणा में 7 लाख 55 हजार से अधिक विधवा महिलाओं की जनवरी माह की पेंशन सरकार ने जारी कर दी है। लाभार्थियों के खाते में पेंशन आ चुकी है। हिसार के जिला समाज कल्याण अधिकारी डी एस सैनी ने बताया कि जनवरी माह की रुकी हुई विधवा पेंशन विभाग ने जारी कर दी है। लाभार्थी पेंशन अपने बैंक खाते से निकलवा सकते है। फरवरी माह की पेंशन 10 मार्च के बाद विभाग द्वारा जारी कर दी जाएगी। प्रदेश सरकार ने फैमिली आईडी को हरियाणा की लगभग सभी जरूरी सेवाओं और योजनाओ के लिए फैमिली आईडी को अनिवार्य कर दिया गया है। बुढ़ापा, विधवा, विकलांग सहित अन्य सामाजिक पेंशन के लिए भी विभाग ने फैमिली आईडी को अनिवार्य किया है। प्रदेश भर में अब भी काफी लाभपत्रों ने फैमिली आईडी नहीं बनवाई है। पेंशन लाभार्थी नजदीकी सीएससी सेंटर से फैमिली आईडी बनवा सकते हैं।
अगर कोई रिटायर पेंशन पेपर दाखिल करने से पहले समाप्त हो जाता है: सरकार प्रक्रिया को अंतिम रूप देती है। एक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी की पेंशन के प्रसंस्करण के लिए, केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के नियम 59 का पालन किया जाता है। नियमानुसार, सरकारी कर्मचारी को सेवानिवृत्ति की तारीख से छह महीने पहले पेंशन के कागजात जमा करने होते हैं। हालांकि, सरकार द्वारा यह पाया गया कि कई बार पेंशन के कागजात प्रस्तुत किए बिना सेवानिवृत्ति के बाद एक सरकारी कर्मचारी की मृत्यु हो गई। अब, सरकार ने एक प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया है जिसे मृतक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी के संबंध में पेंशन के प्रसंस्करण और अनुमोदन के लिए अपनाया जा सकता है और उसके या उसके परिवार को पारिवारिक पेंशन की मंजूरी के लिए।सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त होते ही पेंशन के लिए एक सरकारी कर्मचारी का दावा। इसी तरह, पारिवारिक पेंशन के लिए परिवार का दावा सेवा के दौरान या सेवानिवृत्ति के बाद एक सरकारी कर्मचारी की मृत्यु पर अर्जित होता है। लेकिन, यदि अवधि के भीतर पेंशन के कागजात प्रस्तुत नहीं किए जाते हैं, तो पीपीओ सरकारी कर्मचारी को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद जारी नहीं किया जाता है। इससे मृतक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी के परिवार के पात्र सदस्य को पारिवारिक पेंशन स्वीकृत करना भी मुश्किल हो जाता है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि ऐसी स्थितियों से बचने के लिए पेंशन कागजात जमा करने और संसाधित करने की समय सीमा का सख्ती से पालन किया जाए।
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