नौकरी करने वाले लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अगर आप भी नौकरी करते हैं और ज्यादा पेंशन (Pension News) पाना चाहते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर आ गई है। केंद्र सरकार (Central Government) की तरफ से समय-समय पर कर्मचारियों को ज्यादा पेंशन पाने का ऑप्शन दिया जाता है। अब आपके पास पहले की तुलना में ज्यादा पेंशन पाने का मौका है। आपके पास इसमें अप्लाई करने के लिए सिर्फ एक महीने का समय बचा है। जी हां।।। अगर आपने 3 मई तक अप्लाई नहीं किया तो आपको बढ़ी हुई पेंशन नहीं मिलेगी।
सरकार ने बढ़ा दी है तारीख
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने बताया है कि आप ज्यादा पेंशन पाने के लिए 3 मई 2023 तक आवेदन कर सकते हैं। ईपीएफओ की तरफ से आवेदन की तारीख को बढ़ा दिया गया है। पहले इसके लिए अप्लाई करने की आखिरी तारीख 3 मार्च थी, लेकिन अब इसको सरकार ने 2 महीने के लिए बढ़ा दिया है।
EPFO की तरफ से मिली है जानकारी
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सदस्य अपने नियोक्ताओं के साथ संयुक्त रूप से तीन मई, 2023 तक अधिक पेंशन का विकल्प चुनकर इसके लिए आवेदन कर सकेंगे। उन्हें इसके लिए सेवानिवृत्ति कोष संगठन के एकीकृत सदस्य पोर्टल पर आवेदन करना होगा। पहले इस तरह की धारणा बनी थी कि ऊंची पेंशन का विकल्प चुनने की अंतिम तिथि तीन मार्च, 2023 है। ईपीएफओ के एकीकृत सदस्य पोर्टल पर हाल में सक्रिय किए गए यूआरएल से स्पष्ट पता चलता है कि ऊंची पेंशन का विकल्प चुनने की अंतिम तिथि तीन मई, 2023 है।
कोर्ट ने भी जारी कर दिए हैं आदेश
आपको बता दें पहले उच्चतम न्यायालय ने चार नवंबर, 2022 को अपने आदेश में कहा था कि ईपीएफओ को सभी पात्र सदस्यों को ऊंची पेंशन का विकल्प चुनने के लिए चार महीने का समय देना होगा।यह चार माह की अवधि तीन मार्च, 2023 को समाप्त हो रही है। इससे यह धारणा बनी थी कि इसकी अंतिम समयसीमा तीन मार्च, 2023 है।
2014 में आखिरी बार बढ़ी थी पेंशन
पिछले सप्ताह ईपीएफओ ने इसकी प्रक्रिया का ब्योरा जारी किया था। इसमें बताया गया था कि अंशधारक और उनके नियोक्ता संयुक्त रूप से कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत ऊंची पेंशन के लिए आवेदन कर सकते हैं। नवंबर, 2022 में उच्चतम न्यायालय ने कर्मचारी पेंशन योजना, 2014 को बरकरार रखा था। इससे पहले 22 अगस्त, 2014 के ईपीएस संशोधन ने पेंशन योग्य वेतन सीमा को 6,500 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति माह कर दिया था। साथ ही सदस्यों और उनके नियोक्ताओं को ईपीएस में उनके वास्तविक वेतन का 8।33 फीसदी योगदान करने की अनुमति दी थी। ईपीएफओ ने इस बारे में अपने फील्ड कार्यालयों को एक सर्कुलर जारी किया है।
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