देश के 65 EPS 95 लाख पेंशनर्स के लिए एक जरूरी खबर है। यह सूचना पीएफ खाते पर मिलने वाली पेंशन राशि को लेकर है, इसलिए सरकारी एवं प्राइवेट सभी कर्मचारी इससे प्रभावित होंगे। लंबे समय से ईपीएफओ पेंशन को लेकर कशमकश की स्थिति बनी हुई है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा है लेकिन कोई निर्णय नहीं निकल पा रहा है। दूसरी तरफ अब सरकार ने इस पर अपना रूख साफ एवं स्पष्ट कर दिया है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के कर्मचारी पेंशन योजना में होने वाले बदलाव की जानकारी दी।
श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि न्यूनतम मासिक पेंशन बढ़ाने से सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ आएगा। उन्होंने कहा, 'अतिरिक्त बजटीय सहायता से समझौता किए बिना पेंशन राशि बढ़ाना संभव नहीं है।' मंत्री गंगवार ने कहा कि ईपीएस 1995 को सामाजिक बीमा योजना के सिद्धांतों पर डिजाइन किया गया है। साथ ही दीर्घकालिक वित्तीय व्यवहार्यता सुनिश्चित करने के लिए बीमांकिक प्रिंसिपल को अपनाया गया है। उन्होंने कहा, 'सरकार पहले से ही एक हजार रुपए की न्यूनतम पेंशन प्रदान कर सहायता प्रदान कर रही है।' गंगवार ने बताया, 'एक उच्च-स्तरीय समिति ने कुछ अनंतिमता के साथ न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की सिफारिश की थी।'
श्रम मंत्री ने सामाजिक सुरक्षा 2020 की संहिता धारा 141 के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा और कल्याण के लिए एक सामाजिक सुरक्षा कोष की स्थापना करेगी। संतोष ने कहा, 'एक एग्रीगेटर के 1 प्रतिशत और 2 प्रतिशत वार्षिक व्यापार के बीच अंशदान की कुल राशि का अधिकतम 5% भुगतान किया जाता है।' उन्होंने लॉकडाउन के समय मजूदरों के अपने ग्रह स्थान का भी जिक्र किया। कहा कि 11.4 लाख प्रवासी श्रमिक कोविड-19 के समय अपने राज्यों में लौट आए। हालांकि उनमें से ज्यादातर अपने मूल या अन्य कार्यस्थल पर वापस चले गए हैं।
ईपीएफओ में कर्मचारियों के साथ उनके परिजनों को भी पेंशन का लाभ मिलता है। अगर किसी ईपीएफ मेंबर की मौत होती है, तो उसका परिवार के सदस्य पेंशन के हकदार होते हैं। इसे फैमिली पेंशन कहते है। पेंशन का लाभ उठाने के लिए कर्मचारी का 10 वर्ष लगातार जॉब करना जरूरी होता है। ईपीएस स्कीम में अगर सदस्य अविवाहित है तो नॉमिनी पेंशन पाने का हकदार होता है।
ईपीएफ में नियोक्ता और कर्मचारी दोनों का योगदान कर्मचारी के मूल वेतन + डीए का 12-12% है। कंपनी के 12 प्रतिशत अंशदान में से, कर्मचारी पेंशन योजना का 8.33 प्रतिशत ईपीएस में जाता है।
पेंशन दोगुनी हो सकती है: सूत्रों के अनुसार, न्यूनतम पेंशन 1000 रुपये से बढ़कर 2,000 रुपये हो सकती है।
कस्तूरीरंगन कहते हैं, "ईपीएस के तहत, न्यूनतम पेंशन राशि 1,000 रुपये प्रति माह और पेंशन की अधिकतम राशि है जिसे आप प्रति माह 7,500 रुपये प्राप्त करने के योग्य हैं, इस आधार पर कि पेंशन का योगदान वैधानिक छत से परे राशि पर नहीं किया गया है।"
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