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Good News For EPF/EPS Mmbers: अगर कंपनी ने कर्मचारी के EPF का पैसा किया देर से जमा तो कंपनी को होगा बड़ा नुकसान


निजी संस्थाओं और निजी कंपनियों को अपने कर्मचारी के पीएम खाते में पैसा समय पर जमा करना होगा। अगर कंपनी पैसा जमा करने में देर करती है तो कर्मचारियों को ब्याज 1 जून से मिलेगा। जबकि आर्थिक समस्या की वजह से पैसा जमा नहीं करती तो कोई ब्याज मिलता है।

कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड में कॉन्ट्रिब्यूशन समय से जमा नहीं करना अब कंपनियों को काफी नुकसानदायक होगा। अब संस्थान अपनी इनकम में टैक्स डिडक्शन का दावा नहीं कर पाएंगे। ऐसे में संस्थाओं और कंपनियों को अपने कर्मचारी के पीएम खाते में पैसा समय पर जमा करना होगा। वहीं रकम पर मिलने वाले ब्याज का नुकसान कर्मचारी को नहीं होगा। बता दें यह प्रस्ताव वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021 में पेश किया है।


EPF जमा पर ब्याज का कैलकुलेशन कैसे किया जाता है?

ईपीएफ स्कीम अप्रैल 2020 के लिए कंपनियों को कॉन्ट्रिब्यूशन 15 मई 2020 तक जमा करना था। एक बार पैसा जमा होने पर एक जून 2020 से ब्याज मिलना शुरू हुआ। बता दें कॉन्ट्रिब्यूशन जमा करने में देरी और जमा नहीं करने को लेकर नियम अलग है। अगर कंपनी पैसा जमा करने में देर करती है तो कर्मचारियों को ब्याज 1 जून से मिलेगा। जबकि आर्थिक समस्या की वजह से पैसा जमा नहीं करती तो कोई ब्याज मिलता है।


गौरतलब है कि इस वर्ष बजट में यह प्रस्ताव आया है कि पीएफ पर मिलने वाला ब्याज अगर 2.5 लाख रुपए से अधिक हुआ तो टैक्स के दायरे में आएगा। इससे पहले पीएफ खाते में जमा पैसों पर मिलने वाले ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता है। जिसके कारण मोटी कमाई वाले बड़ी मात्रा में पैसा जमा करते हैं। जिससे उन्हें अब तक टैक्स में छूट और अच्छा ब्याज मिलता था।

EPFO ने की बड़ी कार्रवाई, अंशदान जमा न करने वाले 30 प्रतिष्ठानों के बैंक खाते सीज

कर्मचारियों के भविष्य निधि खातों में अंशदान जमा नहीं करने वाले 30 प्रतिष्ठान कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के निशाने पर आ चुके हैं। 15 साल से बंद पड़ी इंडियन टर्पेन्टाइन रेजिन (आइटीआर) फैक्ट्री को सात करोड़ रुपये का रिकवरी नोटिस जारी किया गया है। फतेहगंज पश्चिमी की सिंथेटिक एंड केमिकल लिमिटेड के बांबे हाईकोर्ट से तैनात लिक्विडेटर को भी नोटिस पहुंच चुका है। मुरादाबाद के बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी रिकवरी नोटिस जारी हुआ है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन बरेली और मुरादाबाद के निजी और सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले कर्मचारियों के भविष्य निधि में जमा होने वाली रकम की निगरानी करता है।


कोविड काल के बाद अब एक बार फिर महकमे ने रिकवरी तेज की है। प्रतिष्ठानों को कर्मचारियों के खातों में रकम समय पर जमा कराने के लिए कहा जा रहा है। वहीं आइटीआर फैक्ट्री का मूल बकाया करीब 2.77 करोड़ था। 1976 से अक्टूबर 2004 तक बकाया ब्याज के साथ करीब सात करोड़ पहुंच चुका है। बरेली मंडल के कमिश्नर रणवीर प्रसाद के कार्यालय में यह नोटिस भेजा गया है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के कमिश्नर, अंकुर गुप्‍ता के अनुसार, कर्मचारियों के खातों में समय पर अंशदान जमा नहीं कराने पर निजी व सरकारी संस्थानों को नोटिस जारी होते हैं। खाते सीज कर गिरफ्तारी वारंट भेजते हैं।



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