मनीष सिसोदिया ने कहा कि कंस्ट्रक्शन लेबर देश की रीढ़ है, यह देश के स्टील फ्रेम को मजबूत करता है. देश के मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर के पीछे निर्माण कार्य लगे श्रमिकों की भूमिका बहुत ही अहम है
दिल्ली सरकार ने इस वर्ग के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं बनाई हुई हैं. इन योजनाओं के तहत इस महीने 488 निर्माण श्रमिकों को 3.18 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी गई. इसके अलावा कोरोना के दौरान दिल्ली सरकार ने लगभग 1139 निर्माण श्रमिकों को 10,000 रुपये/प्रति श्रमिक की सहायता राशि दी थी.
दिल्ली में तकरीबन 10 लाख कंस्ट्रक्शन श्रमिक हैं. तमाम प्रयासों के बाद भी अभी तक महज 2.12 लाख निर्माण श्रमिकों का ही रजिस्ट्रेशन हो पाया है.
तमाम कंस्ट्रक्शन लेबर के रजिस्ट्रेशन के लिए दिल्ली सरकार बड़े पैमाने पर रजिस्ट्रेशन अभियान (Construction workers registration)शुरू कर रही है. पूरी दिल्ली में करीब 300 स्थानों पर जागरुकता अभियान और रजिस्ट्रेशन अभियान चलाए जाएंगे. दिल्ली के 262 स्थानों पर बड़ी संख्या में निर्माण श्रमिक इकट्ठा होते हैं. इन जगहों को आम बोलचाल की भाषा में लेबर चौक कहा जाता है. इन लेबर चौक पर रोजाना जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. ताकि, वहां आने वाला हर श्रमिक सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं की जानकारी रखे.
श्रमिक डोरस्टेप डिलीवरी सुविधा द्वारा भी अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते है. श्रमिकों को केवल 1076 पर कॉल करना होगा और लेबर डिपार्टमेंट के लोग श्रमिकों की सुविधा के अनुसार उनके घर जाकर उन्हें पंजीकृत करवाएंगे.
45 स्थानों पर रजिस्ट्रेशन कैंप
दिल्ली में 45 स्थानों पर रजिस्ट्रेशन कैंप लगाए जाएंगे. रजिस्ट्रेशन कैंप 22 फरवरी से शुरू होकर 22 मार्च तक लगाए जाएंगे. इन कैंप में सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक रजिस्ट्रेशन कराए जा सकते हैं. एक कैंप में 4-5 रजिस्ट्रेशन काउंटर लगाए जाएंगे.
श्रमिकों को क्या है फायदा
- महिला श्रमिक को प्रसव लाभ मिलता है. महिला को 30,000 रुपये दिए जाते हैं.
- रजिस्टर्ड वर्कर को 60 साल बाद 3000 रुपये मासिक पेंशन दी जाती है.
- श्रमिक पेंशन में 300 रुपये सालाना का इजाफा होता है.
- घर निर्माण के लिए 3 से 5 लाख रुपये तक की मदद दी जाती है.
- कलांगता होने पर 3,000 रुपये मासिक की पेंशन दी जाएगी.
- पूर्ण विकलांगता होने पर 1 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी.
- औजार खरीदने के लिए 20,000 रुपये तक की आर्थिक मदद दी जाती है.
- औजार के लिए हर साल 5,000 रुपये की मदद दी जाएगी.
- श्रमिक की मौत होने पर अंतिम संस्कार के लिए 10,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है.
- नेचुरल मौत होने पर आश्रित परिवार को 1 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी.
- काम के दौरान की दुर्घटना में मौत होने पर 2 लाख रुपये की आर्थिक राशि दी जाएगी.
- श्रमिकों के बच्चों को स्कूली पढ़ाई के लिए कक्षा एक से कक्षा आठ तक 6000 रुपये/सालाना मदद दी जाएगी.
- कक्षा 9-10 के लिए बच्चे को 8,400 रुपये/सालाना की मदद दी जाती है.
- कक्षा 11-12 के लिए 12,000 रुपये सालाना दिए जाएंगे.
- स्नातक की शिक्षा के लिए 36,000 रुपये हर साल दिए जाएंगे.
- अगर बच्चा आईटीआई कर रहा है तो उसे 48,000 रुपये की मदद दी जाएगी.
- अगर कोई बच्चा 5 साल का एलएलबी कोर्स कर रहा है तो उसे भी 48,000 रुपये दिए जाएंगे.
- पॉलिटेक्निक डिप्लोमा करने वाले बच्चे को 60,000 रुपये की मदद दी जाएगी.
- मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग या मेडिकल की पढ़ाई करने वाले बच्चों को 10,000 रुपये/मासिक की मदद दी जाएगी.
- महिला श्रमिक की शादी के लिए 51,000 रुपये (बेटी के लिए भी) की मदद दी जाती है.
- पुरुष श्रमिक की शादी के लिए 35,000 रुपये (बेटे के लिए भी) की मदद दी जाएगी.
- रजिस्टर्ड श्रमिकों को डीटीसी का मुफ्त पास (2400 रुपये) दिया जाएगा.
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