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EPF पर टैक्स लगाने को लेकर बजट (Budget 2021) में जो ऐलान हुए हैं उसके मुताबिक ढाई लाख रुपये से ज्यादा निवेश (investment) होने के लिए टैक्स (tax) सिर्फ कर्मचारी के योगदान पर लगेगा. ये जानकारी केंद्रीय श्रम सचिव ने बातचीत के दौरान दी. इस मौके पर उन्होंने कहा कि कंपनी की तरफ से होने वाला अंशदान इसके दायरे में नहीं आएगा या उस पर कोई बोझ नहीं पडे़गा. साथ ही छूट के लिए EPF और PPF भी नही जोड़ा जा सकता. ज्यादा वेतन पाने वाले लोगों की तरफ से होने वाले बड़े निवेश और ब्याज पर खर्च बढ़ने की वजह से सरकार ने ये फैसला लिया है. श्रम मंत्रालय (Labour Ministry) के मुताबिक 6 करोड़ में से सिर्फ एक लाख 23 हजार अंशधारक पर ही इन नए नियमों का असर होगा.
पेंशन में बढ़ोतरी का कोई प्रस्ताव नहीं No proposal for increase in pension
न्यूनतम ईपीएफ पेंशन (minimum EPF pension) में बढोतरी के सवाल पर श्रम सचिव ने कहा कि इस बारे में कोई प्रस्ताव वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) को भेजा ही नहीं गया था. जो प्रस्ताव श्रम एवं रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labour and Employment) ने भेजे थे, उन्हें केंद्रीय बजट (Union Budget) में शामिल कर लिया गया है. श्रमिक संगठन लंबे समय से EPF की मासिक न्यूनतम पेंशन (monthly minimum pension) बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. उनका तर्क है कि सामाजिक सुरक्षा के नाम पर सरकार न्यूनतम 2000 रुपये या इससे अधिक पेंशन मासिक रूप से दे रही है जबकि ईपीएफओ के अंशधारकों (EPFO shareholders) को अंश का भुगतान करने के बावजूद इससे बहुत कम पेंशन मिल रही है.
नए श्रम कानून के तहत आपको मिलेगी हफ्ते में तीन छुट्टी You will get three holidays in a week
सरकार नए श्रम कानूनों (labor laws) के तहत कई बड़े बदलाव करने जा रही है. नए कानून (new law) के तहत आपको हफ्ते में तीन दिन छुट्टी मिल सकती है. सोमवार को बजट में श्रम मंत्रालय (Ministry of Labour) के लिए हुए ऐलानों के बारें में जानकारी देते हुए श्रम सचिव (Labour Secretary) ने बताया कि कि केंद्र सरकार (Central Government) हफ्ते में चार वर्किंग डे (working days) और उसके साथ तीन दिन सैलरी के साथ छुट्टी का ऑप्शन देने की तैयारी कर रही है.
काम के घंटों के आधार पर तय होगा हफ्ता Week will be decided based on hours of work
श्रम सचिव के मुताबिक नए लेबर कोड के नियमों (labour code rules) में ये आप्शन भी रखा जाएगा जिसमें कंपनी और कर्मचारी आपसी सहमति (mutual agreement) से ये फैसला ले सकते हैं कि हफ्ते में कितने दिन काम करना हैं. नए नियमों के तहत सरकार ने काम के घंटों को बढ़ाकर 12 तक करने को शामिल किया है. काम करने के घंटों की हफ्ते में अधिकतम सीमा 48 है, ऐसे में कामकाजी दिनों का दायरा पांच से घट सकता है.
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