EPS 95 PENSION AS PER COURT ORDER | EPS 95 PENSION HIKE NEWS
वित्त विभाग ने देश में वित्तीय संकटों के बावजूद सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 4% की बढ़ोतरी की है, इसी तरह EPS 95 पेंशन में वृद्धि क्यों नहीं हुई? यह सवाल कई EPS 95 पेंशनधारकों के मन में है।
यदि पिछले वर्ष से तुलना करता करे तो लगभग दुध बिल Rs. 120, डॉक्टर्स फीस में 100 रुपये, हेयरकटिंग सैलून Rs. 40, बिजली बिल Rs. 75, खाद्य पदार्थ, फल और सब्जियां 100 रुपये, से बढ़ गई हैं। यह एक वर्ष की समान अवधि में Rs. 435 की बढ़ोतरी हो गई है। कई पेंशनधारको की आय एफडी के ब्याज और म्युचुअल फंड के लाभांश के माध्यम से होती और कुछ पेंशनधारक छोटामोटा काम भी कर लेते है। पर इस आय में एफडी के ब्याज में घटती दरों की वजह से की कमी आई है। इन सेवानिवृत्त कर्मचारियोंने उनके कार्यकाल के समय Rs. 6500 और Rs. 15000 जो कर्मचारी पेंशन योजना 1995 में 20 से 25 वर्षों तक योगदान दिया है, उसके के बाद वित्त विभाग ने EPS 95 पेंशनरों की पेंशन बढ़ोतरी पर अभी तक कोई कार्रवाही अभीतक नहीं की है। इसके संदर्भ में श्रम मंत्रालय द्वारा एक प्रस्ताव भी भेजा गया है।
वही EPFO द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अंतिम वेतन पर पेंशन गणना को लागू नहीं किया जा हैं और पेंशन की गणना मौजदा समय में 60 महीने के औसत वेतन पर की जाती है। अगर इसकी गणना Rs. 6500 या Rs. 15000 मासिक वेतन को छोड़कर उच्चतम वेतन पर किया जाये तो यह पेंशन बढ़ सकती है। इसके लिए कर्मचारियों को कर्मचारी पेंशन योजना 1995 में पुरे वेतन योगदान भी करना होगा। इसलिए सरकार द्वारा कर्मचारी पेंशन योजना 1995 में संशोधन कर EPS 95 पेंशनरों की पेंशन की बढ़ोतरी का प्रावधान करना जरुरी है।
इसलिए सा सभी ईपीएस 95 पेंशनरों की ओरसे NAC से अनुरोध करता हूं कि 1 फरवरी को बजट की घोषणा से पहले, वित्त विभाग के साथ इस मुद्दे को मजबूती से उठाए।
इसके अलावा समाचार पत्रों में पढ़ी गई खबरों के अनुसार बैंकों ने पिछले एक साल की अवधि में भारी मात्रा में ऋण दिए हैं। इस नुकसान की भरपाई के लिए बैंक एफडी पर ब्याज दरे घटा रहे हैं। इसकी वजह से कई EPS 95 पेंशनरों की मासिक आय में एक बड़ा नुकसान हुआ है।
EPS 95 पेंशनधारको की पेंशन बहुत कम है इसलिए EPS 95 पेंशनधारक बैंकों में एफडी, पीएफ, ग्रेच्युटी में राशि और सेवा के वर्षों के दौरान वेतन में कुछ बचत रखते हैं। इसलिए बैंक भी EPS 95 पेंशनधारको साथ अन्याय कर रहे हैं।
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