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EPFO LATEST CIRCULAR: EPFO के इस सर्कुलर से EPS में जायेगा ज्यादा अंशदान, क्या होगा इसका आपकी उच्च पेंशन पर असर, उच्च पेंशन चुनने पर EPS 95 फंड में होगी वृद्धि, पर घटेगा EPF

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने उच्च पेंशन पाने के लिए आवेदन की समय सीमा बढ़ाकर 26 जून, 2023 कर दी है। इससे पेंशनधारकों और मौजूदा अंशधारकों को आवेदन करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा।

अगर आप चाहते हैं कि सेवानिवृत्ति के बाद आपको भी नियमित मासिक आय मिलती रहे तो उच्च पेंशन का विकल्प चुन सकते हैं। इसमें फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) या दूसरी छोटी बचत योजनाओं के मुकाबले बेहतर और गारंटी रिटर्न मिलता है।

दरअसल, ईपीएफओ ने कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के तहत पेंशन योजना में कुछ बदलावों की घोषणा की है। नए नियमों के अनुसार, उच्च पेंशन का विकल्प चुनने वाले सदस्यों के वेतन से अतिरिक्त 1.16% राशि नियोक्ता के अंशदान (12 फीसदी) से ली जाएगी। ऐसे में अगर आप उच्च पेंशन का विकल्प चुनते हैं तो आपका ईपीएस फंड बढ़ जाएगा, जबकि ईपीएफ में कमी आएगी। इसलिए, यह जानना जरूरी है कि उच्च पेंशन का विकल्प आपके लिए फायदेमंद है या नहीं।

किसके लिए विकल्प

अगर आप ईपीएफओ में योगदान करते हैं और 10 साल की नौकरी पूरी कर ली है। ऐसे कर्मचारी जिन्होंने 5,000 या 6,000 रुपये के उच्चतर मानक वेतन से अधिक अंशदान किया है।

सेवानिवृत्ति नजदीक है तो चुन सकते हैं विकल्प : सेवानिवृत्ति नजदीक है तो यह विकल्प चुन सकते हैं। पिछले पांच साल में आपका वेतन उच्चतम सीमा पर था तो आपकी पेंशन आय अधिक होगी। सेवानिवृत्ति के बाद अधिक एन्यूटी भी मिल सकती है। 

ये है वृद्धि व कटौती का गणित

आपके प्रोविडेंट फंड (पीएफ) खाते में जमा राशि का एक हिस्सा कर्मचारी प्रोविडेंट फंड (ईपीएफ) में जाता है और दूसरा हिस्सा ईपीएस में। कर्मचारी हर महीने महंगाई भत्ते (डीए) के साथ अपने वेतन का 12 फीसदी ईपीएफ खाते में जमा करता है। इतना ही हिस्सा नियोक्ता भी जमा करता है, जिसमें से 8.33 फीसदी राशि ईपीएस में जाती है और बाकी 3.67 फीसदी हिस्सा ईपीएफ खाते में जमा होता है।


नए नियम के मुताबिक, नियोक्ता का योगदान ईपीएस में बढ़कर अब 9.49 फीसदी (8.33 फीसदी+1.16 फीसदी) हो जाएगा। वहीं, ईपीएफ में यह घटकर 2.51 फीसदी (3.67 फीसदी-1.16 फीसदी) रह जाएगा। अतिरिक्त 1.16 फीसदी वही हिस्सा है, जिसका योगदान अब नियोक्ता को करना है।  

जानिए, कितनी बनेगी पेंशन

वैसे तो ईपीएफओ ने अभी उच्च पेंशन की गणना के लिए कोई नया कैलकुलेटर जारी नहीं किया है। अगर पुराने कैलकुलेटर के आधार पर देखें तो...

अगर आपने 22 साल की उम्र में नौकरी शुरू की है और 58 वर्ष में सेवानिवृत्त हो रहे हैं तो आपने 36 साल तक नौकरी की है।


 मान लीजिए, ईपीएस से बाहर निकलने से पहले पिछले 60 महीनों में आपकी बेसिक सैलरी 40,000 रुपये है। इसी औसत वेतन पर कर्मचारी की पेंशन योग्य आय की गणना होगी।

इसके लिए पेंशन योग्य वेतन को नौकरी करने की अवधि से गुणा कर उसमें 70 से भाग देना होगा। इस तरह आपकी मासिक पेंशन होगी... 40,000x36/70 = 20,571.42 रुपये।


 



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