रिटायर हो चुके पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी अपडेट है। रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन की सुविधा का लाभ देने वाली संस्था ईपीएफओ अब एक अहम बदलाव करने की तैयारी में है। EPFO द्वारा किए जा रहे इस बदलाव का सीधा असर पेंशनभोगियों पर देखने को मिलेगा।
एक साथ ही आएगी सभी की पेंशन
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अपनी 29 और 30 जुलाई को होने वाली बैठक में केंद्रीय पेंशन वितरण प्रणाली की स्थापना के प्रस्ताव पर विचार के बाद इसे मंजूरी देगा। ईपीएफओ द्वारा इस प्रणाली की स्थापना से देशभर में 73 पेंशनभोगियों के खातों में पेंशन को एक बार में एक साथ स्थानांतरित किया जा सकेगा।
अभी EPFO के 139 क्षेत्रीय कार्यालय अपने क्षेत्र के लाभार्थियों के खातों में पेंशन डालते हैं। ऐसे में पेंशनभोगियों को पेंशन अलग-अलग दिन और समय पर मिलती है। केंद्रीय पेंशन वितरण प्रणाली की स्थापना के बाद पेंशन का वितरण 139 क्षेत्रीय कार्यालय के डेटाबेस के आधार पर किया जाएगा। इससे 73 लाख पेंशनभोगियों को एक साथ पेंशन दी जा सकेगी।
सभी क्षेत्रीय कार्यालय अपने क्षेत्र के पेंशनभोगियों की जरूरतों को अलग-अलग देखते हैं। इससे पेंशनभोगियों को अलग-अलग दिन पेंशन का भुगतान हो पाता है। बता दें कि, सीबीटी की 20 नवंबर, 2021 को हुई 229वीं बैठक में न्यासियों ने सी-डीएसी द्वारा केंद्रीकृत आईटी आधारित प्रणाली के विकास के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
श्रम मंत्रालय ने बैठक के बाद बयान में कहा था कि इसके बाद क्षेत्रीय कार्यालयों के ब्योरे को चरणबद्ध तरीके से केंद्रीय डेटाबेस में स्थानांतरित किया जाएगा। इससे सेवाओं का परिचालन और आपूर्ति सुगम हो सकेगी।
1,000 रुपये की EPS 95 पेंशन काफी कम
श्रम पर संसद की स्थायी समिति ने अनुदान मांग 2022-23 पर संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा, 'आठ साल पहले तय की गई 1,000 रुपये की मासिक पेंशन अब काफी कम है।' संसदीय समिति के अनुसार श्रम और रोजगार मंत्रालय के लिये जरूरी है कि वह उच्च-अधिकार प्राप्त निगरानी समिति की सिफारिश के अनुसार वित्त मंत्रालय से पर्याप्त बजटीय समर्थन को लेकर मामला आगे बढ़ाये।
EPS 95 पेंशन 2,000 रुपये करने की सिफारिश
इसके अलावा ईपीएफओ सभी पेंशन योजनाओं का विशेषज्ञों के जरिये मूल्यांकन करे ताकि मासिक सदस्य पेंशन को उचित सीमा तक बढ़ाया जा सके। श्रम मंत्रालय ने कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 के मूल्यांकन और समीक्षा के लिए वर्ष 2018 में उच्च-अधिकार प्राप्त निगरानी समिति का गठन किया था। समिति ने रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि सदस्यों / विधवा / विधवा पेंशनभोगियों के लिये न्यूनतम मासिक पेंशन बढ़ाकर 2,000 रुपये की जाए। इसके लिये जरूरी सालाना बजटीय प्रावधान किये जाएं।
कई समितियों ने विस्तार से चर्चा की
हालांकि वित्त मंत्रालय न्यूनतम मासिक पेंशन को 1,000 रुपये से बढ़ाने के लिए सहमत नहीं हुआ। संसदीय समिति के मुताबिक कई समितियों ने इस बारे में विस्तार से चर्चा की है। उससे यही निष्कर्ष निकलता है कि जब तक विशेषज्ञों से ईपीएफओ की पेंशन योजना के अधिशेष / घाटे का उपयुक्त आकलन नहीं होता, मासिक पेंशन की समीक्षा नहीं हो सकती।
रिटायर्ड लोगों को मिलता है पेंशन का लाभ
बता दें कि, नौकरीपेशा लोगों को रिटायर होने के बाद हर महीने एक पेंशन की रकम दी जाती है। ताकी बुढ़ापे के वक्त में भी उनके जीवन की गाड़ी अच्छे से चलती रहे। नौकरीपेशा लोगों की सैलरी का एक हिस्सा PF अमाउंट के रूप में कटता है।
0 Comments