कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organization) के देशभर में करोड़ों खाताधारक हैं। ईपीएफओ (EPFO) अपनी कर्मियों को पेंशन स्कीम के तहत 1,000 रुपये की पेंशन देता है। हाल ही में लेबर मिनिस्ट्री यानी श्रम मंत्रालय ने एक प्रपोजल भेजा था जिसमें ईपीएफओ के पेंशनरों की पेंशन को बढ़ाने के लिए कहा गया था। अब इस मामले पर जानकारी आई है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के 6 करोड़ों सब्सक्राइबर्स को वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) में झटका देते हुए पेंशन बढ़ोतरी के प्रपोजल को ठुकरा दिया है। इस फैसले के बाद अब एक संसदीय समिति ने वित्त मंत्रालय से इस मामले पर स्पष्टीकरण मांगने का फैसला किया है। ध्यान देने वाली बात ये है कि हाल ही लेबर मिनिस्ट्री ने ईपीएफओ के पेंशन को बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन इस बार में यह नहीं पता चल सका कि मंत्रालय ने पेंशन में कितनी बढ़ोतरी का यह प्रस्ताव था।
संसदीय समिति ने मांगा स्पष्टिकरण
आपको बता दें कि गुरुवार को श्रम मंत्रालय (Labour Minister) और ईपीएफओ के अधिकारियों ने बीजद सांसद की अध्यक्षता वाली कमेटी में वित्त मंत्रालय के सामने ईपीएफओ के पेंशन में वृद्धि का प्रस्ताव रखा था, लेकिन बाद में इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया। पेंशन कितनी बढ़ाने की बात कहीं गई थी इस बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसे 1,000 से बढ़ाकर 2,000 का प्रस्ताव रखा गया था , जिसे वित्त मंत्रालय ने ठुकरा दिया है।
यह बढ़ोतरी सदस्य, विधवा और विधुर पेंशनभोगी के लिए प्रस्तावित है। वित्त मंत्रालय ने श्रम मंत्रालय के सभी प्रस्तावों को खारिज कर दिया है जिसके बाद संसदीय समिति ने इस मामले पर वित्त मंत्रालय के सभी अधिकारियों को बुलाने का फैसला किया है।
गौरतलब है कि ईपीएफओ ने हाल ही में अपने पेंशन नियमों में बदलाव करने का फैसला किया है। रूल्स में बदलाव के बाद अब 6 महीने कम वक्त में रिटायरमेंट से पहले कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (EPS-95) के तहत जमा पूरी राशि को निकाल सकते है। पहले केवल रिटायरमेंट (Retirement) के वक्त ही यह सुविधा मिलती थी, लेकिन अब इसे घटाकर 6 महीने पहले तक कर दिया गया है। अब आप रिटायरमेंट से 6 महीने पहले भी अपने खाते से सारा पीएफ अमाउंट विड्रॉ कर सकते हैं। यह फैसला सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) के साथ EPFO की बैठक के बाद लिया गया।
0 Comments