कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के मेंबर्स को झटका मिला है। पिछले हफ्ते वित्त मंत्रालय ने फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के लिए 8.1 फीसदी ब्याज दर (PF interest rates) की घोषणा की है। यह पिछले 40 सालों में सबसे कम स्तर पर है। इससे पहले फाइनेंशियल ईयर 2020-21 के लिए EPF पर ब्याज दर 8.5 फीसदी थी। आपको बता दें कि इससे 6.5 करोड़ नौकरी करने वालों असर होगा।
वहीं सरकार ब्याज दर घटने के बावजूद नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए अच्छा बनाने के लिए सरकार EPFO फंड से शेयर बाजार में निवेश की लिमिट बढ़ाने पर विचार कर रही है। जानकारी के अनुसार महीने के अंत में EPFO सेंट्रल बॉडी ऑफ ट्रस्टी की अहम बैठक होने वाली है, जिसमें इस पर फैसला किया सकता है।
मौजूदा समय में EPFO फंड से अधिकतम 15 फीसदी तक शेयर बाजार में निवेश किया जा सकता है। इकोनॉमिक टाइम्स में रिपोर्ट छपी जिसमें बताया गया कि EPFO की तरफ से इस लिमिट को 25 फीसदी तक बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है। दरअसल डेट फंड पर जरूरी रिटर्न नहीं मिल पा रहा है, ऐसे में इक्विटी में निवेश बढ़ाकर पर्याप्त रिटर्न पाने की कोशिश की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक, प्रस्ताव पर विचार करने के लिए दो हफ्ते पहले फाइनेंस इन्वेस्टमेंट और ऑडिट कमिटी की अहम बैठक हुई थी। इसके बाद कमेटी की तरफ से EPFO सेंट्रल बॉडी ऑफ ट्रस्टी को प्रस्ताव पेश किया जाएगा। इस महीने के अंत तक सेंट्रल बॉडी ऑफ ट्रस्टी की बैठक होने की संभावना है।बैठक में प्रस्ताव पर चर्चा होने के बाद लेबर एंड फाइनेंस मिनिस्ट्री के पास फाइनल अप्रूवल के लिए भेजा जाएगा।
मिली रिपोर्ट के अनुसार, इन्वेस्टमेंट कमिटी ने इसे दो चरणों में बढ़ाने का फैसला किया है। इसमें पहले 15 फीसदी की लिमिट को बढ़ाकर 20 फीसदी करने और फिर उसे 25 फीसदी तक करने का सुझाव दिया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि ईएफओ (EPFO) ETF की मदद से शेयर बाजार में निवेश करता है।
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