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Pension Payment News: देशभर के पेंशनर्स (Pensioners) के लिए पेंशन भुगतान राशि को लेकर वित्त विभाग ने जारी किया नोटिफिकेशन

देशभर के पेंशनर्स (Pensioners) के लिए पेंशन भुगतान और रिकवरी पर बड़ी अपडेट है। दरअसल पेंशन (pension) की राशि को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। इसके लिए सीपीएओ (CPAO) ने निर्देश जारी किए हैं। जिसके लिए सीसीएस (पेंशन) नियम 2021 CCS (Pension) Rules 2021) के नियम 64 (4) के तहत पेंशन भोगियों को किए गए भुगतान की राशि की वसूली पर नोटिफिकेशन जारी किया गया है।

पेंशनभोगियों को की गई अतिरिक्त पेंशन की वसूली पर परिपत्रों को वापस लेने के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 21 जनवरी, 2021 के परिपत्र की ओर ध्यान आकर्षित किया जाता है। आरबीआई ने निर्णय लिया कि एजेंसी बैंकों द्वारा की गई अतिरिक्त पेंशन की वसूली से संबंधित सरकार और बैंक खाता विभाग, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी निम्नलिखित परिपत्र की तारीख से वापस ले लिया गया है।


  • परिपत्र सं. डीजीबीए.जीएडी.सं. 2960/45.01.01/2015-16 दिनांक 17 मार्च 2016
  • परिपत्र संख्या सीओ.डीजीबीए (NBS) संख्या 44/जीए.64 (11-सीवीएल) 90/91 दिनांक 18 अप्रैल 1991
  • परिपत्र सं. सीओ. डीजीबीए (NBS) संख्या 50/जीए। 64 (11-सीवीएल) 90/91 दिनांक 6 मई 1991

आगे यह भी कहा गया कि एजेंसी बैंक पेंशनरों को भुगतान की गई अधिक पेंशन की वसूली के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के संबंध में संबंधित पेंशन स्वीकृत करने वाले प्राधिकारियों से मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे। पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने स्पष्ट किया है (प्रतिलिपि संलग्न) कि कार्यालय द्वारा प्रारंभिक प्राधिकरण या पेंशन के संशोधन में त्रुटि के कारण सीसीएस (पेंशन) नियम 2021 के नियम 66(4) के तहत किसी भी अतिरिक्त भुगतान की वसूली या छूट के प्रश्न के अनुसार निपटाया जाना है।


इस प्रकार, कार्यालय द्वारा प्रारंभिक प्राधिकरण या पेंशन के संशोधन में त्रुटि के कारण किसी भी अधिक भुगतान की वसूली की वसूली या छूट का प्रश्न उक्त सीसीएस (पेंशन) के नियम 66(4) के अनुसार निपटाया जाना है। आदेश जारी करते हुए नियम 2021, जो रफीक मसीह के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय और डीओपीटी के दिनांक 2.3.2016 के कार्यालय ज्ञापन का जिक्र किया गया है। इसलिए, कार्यालय की ओर से एक त्रुटि के कारण पेंशनभोगियों को अधिक भुगतान से निपटने के संबंध में और निर्देश जारी करने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है।




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