केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भले ही एक फरवरी 2022 को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश किया। इसमें उन्होंने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस/National Pension System) को लेकर बड़ा ऐलान किया।
एनपीएस में अब नियोक्ता का योगदान बढ़ा दिया गया है। अब एनपीएस में 10 की जगह 14 फीसदी का अंशदान आपका नियोक्ता करेगा। सरकारी पेंशनधारकों को भी बजट में किए गए ऐलान का लाभ मिलेगा। बजट 2022-23 में सरकारी कर्मियों की पेंशन पर टैक्स छूट बढ़ाई गई है।
वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार कर्मचारियों को राज्य सरकार द्वारा एनपीएस (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली) में योगदान पर कर कटौती को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करती है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, कंपनियों का रेजॉल्यूशन (Resolution) दो साल से घटाकर 6 महीने किया गया है। इसी तरह पेपरलेस ई-बिल सिस्टम भी लॉन्च किया गया है।
वित्त मंत्री ने बजट में कॉरपोरेट टैक्स को लेकर भी बड़ा ऐलान किया है। अब तक एक करोड़ रुपए की कमाई पर कॉरर्पोरेट टैक्स लगता था। इसकी सीमा बढ़ाकर अब 10 करोड़ कर दी गई है। साथ ही कॉरपोरेट टैक्स 18 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी कर दी गई है। सरचार्ज भी 12 से घटाकर 7 फीसदी कर दिया गया है।
एनपीएस (नेशनल पेंशन प्रणाली) को जनवरी 2004 में सरकारी कर्मियों के लिए शुरू किया गया था। साल 2009 में इसे सभी वर्ग के लोगों के लिए खोल दिया गया। कोई भी व्यक्ति अपनी वर्किंग लाइफ के दौरान पेंशन खाते में नियमित रूप से योगदान दे सकता है।
जमा फंड के एक हिस्से को वह एक बार निकाल भी सकता है। बची हुई राशि का इस्तेमाल सेवानिवृत्ति के बाद नियमित पेंशन हासिल करने के लिए कर सकता है। व्यक्ति के निवेश और उस पर मिलने वाले रिटर्न से एनपीएस खाता बढ़ता है।
मौजूदा नियम के मुताबिक, एनपीएस खाते की परिपक्वता पर निवेशक को कम से कम 40 फीसदी रकम अन्यूइटी (Annuity/वार्षिक भत्ता) में लगानी होती है। इसी रकम से सब्सक्राइबर को पेंशन मिलती है।
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