हिमाचल प्रदेश में पेंशनरों को संशोधित पेंशन देने के लिए सरकार का 1785 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट व्यय होगा। पहले से सरकार की आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपया है। ऐसे में पेंशनरों को बढ़ी हुई पेंशन देने के लिए भी स्वाभाविक रूप से सरकार को कर्ज लेना पड़ेगा। सोमवार को कैबिनेट की बैठक में पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनभोगियों को संशोधित पेंशन देने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई तो यह बात सामने आई कि संशोधित पेंशन का लाभ देने के लिए सरकार सालाना 1785 करोड़ रुपये अतिरिक्त व्यय करेगी। यह भी चर्चा हुई कि प्रदेश सरकार ने पेंशनभोगियों को अंतरिम राहत के रूप में पहले ही 1450.44 करोड़ रुपये दे दिए हैं।
पेंशनरों को 1,500 से 25,000 रुपये तक का मासिक फायदा होगा। पेंशनरों को 1 जुलाई 2021 से 31 फीसदी महंगाई राहत (डीआर) देने का निर्णय भी लिया गया है। यानी यह कर्मचारियों को दिए जा रहे महंगाई भत्ते (डीए) के बराबर होगी। कैबिनेट की बैठक में 1 जनवरी 2016 से ग्रेच्युटी की सीमा को 10 से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने का निर्णय लिया गया है। यानी जो कर्मचारी 1 जनवरी 2016 के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं और जिनकी ग्रेच्युटी ज्यादा बनती है, उन्हें इसका एरियर मिलेगा। ऐसे करीब 43,000 पेंशनर हैं। ग्रेच्युटी से 10 लाख की कैप हटने का लाभ न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) कर्मचारियों को भी मिलेगा। एनपीएस कर्मचारियों को इन्वेलिड पेंशन और पारिवारिक पेंशन देने का निर्णय भी लिया गया है, जिस पर 250 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। प्रदेश में 80 वर्ष से ज्यादा आयु के पेंशनभोगियों और पारिवारिक पेंशनभोगियों को संशोधित पेंशन और पारिवारिक पेंशन पर देय अतिरिक्त लाभ भी दिए जाएंगे।
किसकी कितनी बढ़ सकती है पेंशन
- सेवानिवृत्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी - न्यूनतम 1500 रुपये से 5000 रुपये तक
- सेवानिवृत्त लिपिक - 3000 - 5000 रुपये
- सेवानिवृत्त अधीक्षक - 5000 से 10000 रुपये तक
- सेवानिवृत्त कनिष्ठ राजपत्रित अधिकारी - 8000 से 15 हजार रुपये
- सेवानिवृत्त वरिष्ठ राजपत्रित अधिकारी - 15 हजार से 25000 रुपये
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