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EPS 95 Pension Hike: नौ गुना बढ़ सकती है EPS 95 मिनिमम पेंशन, अब हर महीने मिलेंगे 9000 रुपये

कर्मचारियों को लेकर एक और नया अपडेट सामने आया है। ईपीएफओं (Employees Provident Fund Organization) की EPS 95 पेंशन योजना के मिनिमम पेंशन योजना को नौ गुना बढ़ाने की तैयारी चल रही है। अगर सरकार द्वारा इसे बढ़ाया जाता है तो कर्मचारियों को बड़ा फायदा होगा। यानी कि जहां कर्मचारियों (Employees Pension Scheme) को हर महीने 1000 हजार रुपए दिए जा रहे थे वहीं अब 9000 रुपए बढ़ने से हर महीने कर्मचारियों को 9000 रुपए खाते में आने की उम्मीद की जा सकती है।



कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, श्रम मंत्रालय इस संबंध में फरवरी में होने वाली बैठक में फैसला कर सकता है। इसके अलावा इसी बैठक में नए वेज कोड पर भी फैसला आ सकता है। कुछ चर्चाओं में यह भी कहा जा रहा है कि बैठक का लक्ष्‍य कर्मचारियों के न्‍यूनतम पेंशन को बढ़ाना होगा। हालाकि अभी सरकार की ओर से इस बैठक को लेकर कोई भी जानकारी नहीं दी गई है। आपको बताते चले कि पेंशन पाने वाले कर्मचारियों की ओर से लंबे समय से इसकी मांग की जा रही है। जिसे लेकर कई बार बहस भी हो चुकी है।

संसद की स्‍थायी समिति ने भी दिए थे सुझाव

न्‍यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग को लेकर संसद की स्थाई समिति ने भी इस संबंध में सुझाव दिए थे। बताया जा रहा है कि मिनिमम पेंशन बढ़ाने का फैसला समिति की सिफारिशों के आधार पर लिया जा सकता है। इस संबंध में संसद की स्थाई समिति ने मार्च 2021 में इस बारे में सुझाव दिए थे। समिति ने न्‍यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग को लेकर मौजूदा एक हजार से बढ़कर 3 हजार किया जाना चाहिए।


पेंशनर्स लंबे अर्से से ये मांग कर रहे हैं कि मिनिमम पेंशन को बढ़ाया जाना चाहिए। इसको लेकर कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है। कहा जा रहा है कि न्यूनतम पेंशन बढ़ाने का फैसला समिति की सिफारिशों के आधार पर लिया जा सकता है। दरअसल, संसद की स्थाई समिति ने भी पेंशन बढ़ाने के संबंध में सुझाव दिया था।

क्या है कर्मचारी पेंशन स्कीम?

साल 1995 में कर्मचारी पेंशन स्कीम (EPS) की शुरुआत हुई थी। इसके तहत संगठित क्षेत्र में काम करने वाले 58 साल की उम्र वाले लोगों को पेंशन मिलती है।  योजना का लाभ उठाने के लिए कर्मचारी के लिए कम से कम 10 साल की नौकरी करना जरूरी है। 



कर्मचारी अपने वेतन का 12 फीसदी योगदान ईपीएफ में देता है। इतनी ही राशि कंपनी द्वारा भी दी जाती है। कंपनी के योगदान में एक हिस्सा ईपीएस में जमा किया जाता है।

इस खाते में वेतन का 8.33 फीसदी योगदान होता है। इसकी सबसे खास बात ये है कि कर्मचारी की मौत होने पर उसका परिवार पेंशन पाने का हकदार होता है।


 


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