उत्तर प्रदेश में दिव्यांगों को अब एक हजार रुपए पेंशन मिलेगी। ऐसा इसलिए, क्योंकि सूबे में सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शासित सरकार ने विधानमंडल के पिछले सत्र में पेश किए गए अनुपूरक बजट में किए गए बजटीय प्रावधान के मुताबिक, राज्य के कुष्ठ रोगियों और दिव्यांगों की पेंशन की रकम में इजाफा कर दिया है।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के अंतर्गत चलने वाली दिव्यांग भरण-पोषण (दिव्यांग पेंशन) अनुदान योजना के तहत योग्य दिव्यांगों को मिलने वाली मासिक अनुदान रकम को राज्य सरकार ने एक हजार रुपए करने को मंजूरी दे दी है। विभाग की ओर से इस बाबत आदेश भी जारी किया जा चुका है।
सरकार ने इसके अलावा जरूरतमंद बुजुर्गों और निराश्रित महिलाओं को भी नए साल पर बड़ा तोहफा दिया है। गरीबी रेखा के नीचे (बिलो पॉवर्टी लाइन) के बुजुर्गों और निराश्रित महिलाओं की पेंशन भी बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
राज्य सरकार के इस कदम से लगभग 86 लाख बुजुर्ग और महिलाएं लाभान्वित होंगे। वहीं, करीब 11 लाख दिव्यांगों को दिसंबर से यह लाभ मिलेगा। पहले तक की व्यवस्था में इन्हें हर महीने 500 रुपए की पेंशन दी जाती थी, जबकि इसे बढ़ाकर अब एक हजार रुपए कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश में 11 लाख दिव्यांगों को पेंशन मुहैया कराई जाती है। कुष्ठ रोगियों की बात करें तो इस श्रेणी के तहत लाभ पाने वालों की संख्या 13 हजार है। वहीं, 56 लाख बुजुर्गों और 29 लाख विधवाएं पेंशन पाती हैं।
बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए 8479.53 करोड़ रुपये का दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया। राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के चार महीनों के लिए 1,68,903.23 करोड़ रुपये का लेखानुदान भी विधानसभा में प्रस्तुत किया।
अनुपूरक बजट पेश किए जाने के दौरान समाज कल्याण और दिव्यांगजन कल्याण के लिए 16,700 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया। प्रदेश सरकार ने यह कदम विधानसभा चुनाव से ऐन पहले उठाया है। इस बीच, राजनीतिक जानकारों का कहना है कि सरकार इस निर्णय के जरिए बड़े वोटबैंक को साधना चाहती है।
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