National Agitation Committee:-
NAC के वीर और वीरांगनाओं द्वारा मौन प्रर्दशन:- दिल्ली पुलिस ने वृद्ध पेंशनधारियों के साथ बदसलूकी की, श्रम मंत्री और CBT सदस्यों से मिलने की माँग पर बल प्रयोग भी किया, अनुमति नहीं दी। बिना नारे लगाए मूक प्रदर्शन उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र से NAC के सदस्यों ने भाग लिया। नई दिल्ली, दिनांक 20. 11. 2021 राष्ट्रीय आंदोलन समिति (NAC) के सदस्यों ने सीबीटी की बैठक में नई दिल्ली में इंडिया हैबिटेट सेंटर में मौन विरोध प्रदर्शन किया।
एक बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना में, महिला प्रदर्शनकारियों के साथ पुरुष पुलिसकर्मियों ने डराया - धमकाया। दिल्ली पुलिस ने विरोध स्थल पर 60 साल से अधिक उम्र की महिलाओं और वृद्धों सहित मूक आंदोलनकारियों को परेशान और डराने-धमकाने का सहारा लिया। न्याय की आस में ईपीएस-95 पेंशनभोगियों की बढ़ती मृत्यु दर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र और दिल्ली सहित लगभग 100 से अधिक वृद्ध पेंशनर्स ने मौन प्रदर्शन कर अपनी भावनाओं को CBT सदस्यों तक पहुंचाने का सफल प्रयोग किया।
मूक प्रदर्शनकारियों से मीडिया के प्रतिनिधियों जब पूछा तब उन्होंने बताया कि पेंशनर्स CBT अध्यक्ष और सदस्यों को निवेदन देना चाहते थे क्योंकि पेंशनर्स के साथ छल-कपट कर CBT सदस्यों को EPFO गुमराह करने का प्रयास कर रहा है। एक ओर जहां हर माह 6 करोड़ कर्मचारियों का अंशदान प्राप्त कर ब्याज को अपने पास रखने के बाद भी व पेंशन कोष में 6 लाख करोड़ की राशि होने के बाद भी सरकार से मिनिमम पेंशन के लिए बजटीय सहायता लेकर यह दिखाने की कोशिश करता है कि पेंशन वृद्धि के लिए EPFO के पास पैसा नहीं है।
उच्च पेंशन के मामले में उच्चतम न्यायालय के दिनांक 04.10.2016 के निर्णय के आधार पर और EPFO के दिनांक 23.03.2017 के पत्र के बाद भी EPFO पेंशनर्स को उनका हक नहीं दे रहा है और पेंशनर्स को फिर से अदालतों में जाने के लिए मजबूर किया गया है। EPFO अपने कर्मचारियों को 2000 रुपये मासिक चिकित्सा भत्ता प्रदान कर रहा है लेकिन पेंशनर्स को चिकित्सा सुविधा से वंचित किया जा रहा है।
''भारत सरकार अन्य पेंशन योजनाओं को सुचारू रूप से चला रही है लेकिन ईपीएस 95 पेंशनर्स के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। इन्हीं सब कारणों से पेंशनर्स में रोष चरम सीमा पर है। EPS 95 पेंशनर्स को न्याय दिलाने के लिए राष्ट्रीय संघर्ष समिति (NAC) पिछले 5 साल से कमांडर अशोक राऊत के नेतृत्व संघर्ष कर रही है। NAC की चार सूत्रीय मांगों को अभी तक मंजूर नहीं किया गया है, इसीलिए 15.11.2021 को जमशेदपुर की CWC बैठक में मांगों को स्वीकृत कराने के लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।उसी के अनुसार आज का शांतिपूर्ण ढंग से मूक प्रर्दशन था। आगे प्रदर्शनकारियों का कहना है हमारे सदस्य दिन-ब-दिन मर रहे हैं और दुनिया छोड़ रहे हैं, इसलिए आज की सीबीटी बैठक में, हमारी मांगों के संदर्भ में, हमारी मांगों के प्रस्ताव को मंजूर कर सरकार के पास भेजे और हमारे धैर्य की परीक्षा न ले।"
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व महाराष्ट्र टीम की डॉ. जयश्री पाटिल, डॉ. पी एन पाटिल, राष्ट्रीय मुख्य सलाहकार, उत्तरप्रदेश टीम के श्री आशाराम शर्मा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, उत्तराखंड टीम के श्री सुरेश डंगवाल, प्रांतीय महासचिव व श्री सुभाष शाह, प्रांतीय सचिव, दिल्ली टीम के NAC के वरिष्ठ नेता श्री रमेश बहुगुणा, श्री मुकेश मेहन, श्रीमती आशा कांबले, श्री आर एस अहलूवालिया, श्री राजेंदर चीतरी, श्री धरम वीर, श्री किशन लहोट, श्री वेद प्रकाश आदि ने किया।
जमशेदपुर CWC मीटिंग के प्रस्ताव अनुसार "EPS 95 पेंशनर्स बचाओ" अभियान अंतर्गत आज के दिल्ली प्रदर्शन से निकट भविष्य में होने वाले देश में राष्ट्र व्यापी आंदोलनों का हुआ शंखनाद दिल्ली का यह प्रदर्शन आने वाले समय में एक मील का पत्थर साबित होगा सभी प्रदर्शनकारियों को शत शत नमन। मातृशक्ति के रूप में उपस्थित महाराष्ट्र से डॉ। जय श्री पाटिल व दिल्ली की श्रीमती आशा कांबले को भी नमन। दिल्ली के वरिष्ठ NAC नेता श्री रमेश बहुगुणा जी व दिल्ली टीम को विशेष नमन। पेंशनर्स के सम्मान में।
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