एम्प्लॉई पेंशन स्कीम (EPS) पर लगी कैपिंग को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. अभी EPS स्कीम के तहत पेंशन के लिए 15000 रुपए हर महीने की सीलिंग या कैपिंग है. इस लिमिट को हटाने को लेकर मामला कोर्ट में विचाराधीन है. सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय संघ और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की याचिकाओं पर कहा गया था कि 17 अगस्त 2021 से रोजाना सुनवाई का फैसला किया था.
अभी क्या है नियम?
EPF- एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड में जब कोई कर्मचारी सदस्य बनता है तो वह EPS का भी सदस्य बन जाता है. कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12% कंट्रीब्यूशन PF में जाता है. कर्मचारी के अलावा इतना ही हिस्सा एम्प्लॉयर के खाते में भी जाता है. लेकिन, एम्प्लॉयर कें कंट्रीब्यूशन में से एक हिस्सा EPS यानि पेंशन फंड में जमा होता है. EPS में बेसिक सैलरी का 8.33% कंट्रीब्यूशन होता है. हालांकि, पेंशन योग्य सैलरी की अधिकतम सीमा 15 हजार रुपए है. ऐसे में पेंशन फंड में हर महीने अधिकतम 1250 रुपए ही जमा सकता है.
उदहारण से समझें
मौजूदा नियमों के मुताबिक, अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 15,000 रुपए या उससे ज्यादा है तो पेंशन फंड में 1250 रुपए जमा होंगे. अगर बेसिक सैलरी 10 हजार रुपए है तो योगदान 833 रुपए ही होगा. कर्मचारी के रिटायरमेंट पर पेंशन की कैल्कुलेशन भी अधिकतम सैलरी 15 हजार रुपए ही मानी जाती है. ऐसे में रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी EPS रूल के तहत सिर्फ 7,500 रुपए बतौर पेंशन मिल सकते हैं.
15,000 की लिमिट हटी तो क्या?
EPFO के रिटायर्ड एन्फोर्समेंट ऑफिस भानु प्रताप शर्मा के मुताबिक, अगर पेंशन से 15 हजार रुपए की लिमिट को खत्म कर दिया जाए तो 7,500 रुपए से ज्यादा पेंशन मिल सकती है. लेकिन, इसके लिए एम्प्लॉयर का EPS में योगदान भी बढ़ाना होगा.
कैसे होती है EPS-95 पेंशन की कैलकुलेशन
EPS कैलकुलेशन का फॉर्मूला= मंथली पेंशन=(पेंशन योग्य सैलरी x EPS खाते में जितने साल कंट्रीब्यूशन रहा)/70.
अगर किसी की मंथली सैलरी (आखिरी 5 साल की सैलरी का औसत) 15 हजार रुपए है और नौकरी की अवधि 30 साल है तो उसे सिर्फ हर महीने 6,828 रुपए की ही पेंशन मिलेगी.
लिमिट हटी तो कितनी मिलेगी पेंशन?
अगर 15 हजार की लिमिट हट जाती है और आपकी सैलरी 30 हजार है तो आपको फॉर्मूले के हिसाब से जो पेंशन मिलेगी वो ये होगी. (30,000 X 30)/70 = 12,857
पेंशन (EPS) के लिए मौजूदा शर्तें
EPF सदस्य होना जरूरी.
कम से कम रेगुलर 10 साल तक नौकरी में रहना जरूरी.
58 साल के होने पर मिलती है पेंशन. 50 साल के बाद और 58 की उम्र से पहले भी पेंशन लेने का विकल्प.
पहले पेंशन लेने पर घटी हुई पेंशन मिलेगी. इसके लिए फॉर्म 10D भरना होगा.
कर्मचारी की मौत होने पर परिवार को मिलती है पेंशन.
सर्विस हिस्ट्री 10 साल से कम है तो उन्हें 58 साल की आयु में पेंशन अमाउंट निकालने का ऑप्शन मिलेगा.
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