केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि कोरोना संकट को ध्यान में रखते हुए सरकार ने provisional pension की समय सीमा अब 1 साल तक बढ़ाने का फैसला किया है। यह रिटायरमेंट डेट से काउंट किया जाएगा। डिपार्टमेंट ऑफ पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर (DoPPW) और डिपार्टमेंट ऑफ एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म एंड पब्लिक ग्रीवांस (DARPG) के साथ ऑनलाइन बैठक में जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार ने प्रोविजनल पेंशन को लिबरल बनाने का फैसला किया है। उन्होंने निर्देश दिया कि फैमिली पेंशन के लिए क्लेम मिलते ही विभाग को इसे जल्द से जल्द जारी कर देना चाहिए। इसके लिए फैमिली मेंबर की तरफ से डेथ सर्टिफिकेट का जमा करना पर्याप्त है। ऐसे मामलों कों पे एंड अकाउंट डिपार्टमेंट में भेजने की जरूरत नहीं है।
जितेंद्र सिंह ने कहा कि आज सरकार ने प्रोविजनल पेंशन को एक साल तक बढ़ाने का फैसला किया है। यह रिटारयमेंट डेट से लागू होगा। उन्होंने कहा कि कुछ मामले ऐसे आए हैं जिनमें सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट के बाद मौत भी हो गई लेकिन वे अपना पेंशन पेपर जमा तक नहीं कर पाए। ऐसे में परिवार की मुसीबत को बढ़ाना नहीं घटाना है। इस कठिन घड़ी में ऐसे परिवार के साथ खड़े होने की जरूरत है। सिंह ने इन मामलों में विभाग को जल्द से जल्द पेंशन पेमेंट ऑर्डर करने का निर्देश दिया जिससे कि पेंशनर्स के परिवार को एरियर का भुगतान किया जा सके।
डिसएबिलिटी पेंशन में मिलेगी एकमुश्त रकम
इसके अलावा नेशनल पेंशन सिस्टम यानी NPS एंप्लॉयी के लिए एकमुश्त मुआवजे के भुगतान को लेकर भी सुविधा का विस्तार किया गया है। नियम के तहत अगर कोई सरकारी कर्मचारी ड्यूटी के दौरान डिसेबल हो जाता है और सरकार उसे नौकरी पर दोबारा रखने का फैसला करती है तो ऐसे कर्मचारियों को एकमुश्त मुआवजे की राशि मिलती है। यह एक तरीके से disability pension होती है।
डिजिटल मोड में होगा कम्युनिकेशन
इसके अलावा अगर किसी मामले में PPO (Pension Payment Order) जारी कर दिया गया हो लेकिन कोरोना के कारण वह अभी तक सेंट्रल अकाउंटिंग ऑफिस (CPAO) या बैंक नहीं पहुंचा है तो इन मामलों पर आगे की प्रक्रिया कंट्रोल जनरल ऑफ अकाउंट्स (CGA) की तरफ पूरी की जाएगी। CGA संबंधित पेंशन प्रोसेसिंग सेंटर या बैंक को डायरेक्टिव जारी करेगा और सारा कम्युनिकेशन डिजिटल मोड में किया जाएगा।
वीडियो CIP से करें लाइफ सर्टिफिकेट लेने का काम
DoPPW ने सभी पेंशन डिस्ट्रीब्यूटिंग बैंक्स से कहा कि वे इस समय वीडियो आधारित कस्टमर आइडेंटिफिकेशन प्रोसेस यानी (V-CIP) को अपनाएं। इसके जरिए बैंकों को लाइफ सर्टिफिकेट मिल जाएगा। बता दें कि यूको बैंक इस मामले में बहुत अच्छा काम कर रहा है।
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