श्रम मंत्रालय ने अपने मंत्रालय के साथ-साथ 6 बड़े विभागों में ट्रांसफर/पोस्टिंग रोक दी है। Covid 19 केस बढ़ने के कारण मंत्रालय ने यह प्रक्रिया रोकी है। मंत्रालय के अनुसार covid केस की तेजी से बढ़ती संख्या की रोकथाम के लिए किया गया है। इन ट्रांसफर/पोस्टिंग में मिनिस्ट्री और दूसरे विभागों के हर cadre के अफसर और कर्मचारी शामिल हैं।
श्रम मंत्रालय के मुताबिक ये ट्रांसफर/पोस्टिंग मौजूदा Guidelines के आधार पर होने थे लेकिन इन्हें 31 मई तक रोक दिया गया है। ऐसे ट्रांसफर/पोस्टिंग तभी होंगे अगर विभाग में बड़ी जरूरत आ पड़ती है या फिर कोई प्रमोशन के बाद कोई Vacancy होती है।
श्रम मंत्रालय ने जिन विभागों को शामिल किया है, उनमें EPFO, ESIC, DGMS, DGFASLI, CLC (C) और Labour Bureau शामिल है। श्रम मंत्रालय के डायरेक्टर डॉ. महेंद्र कुमार के मुताबिक इस आदेश को मंत्रालय के सभी विभागों को मानना जरूरी है। यह कोरोना से सुरक्षा उपायों के तहत किया गया है।
भविष्य निधि कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा (Financial security) देता है। कंपनी और कर्मचारी दोनों अपनी सैलरी का 12 प्रतिशत भविष्य निधि (PF) में जमा करते हैं। कर्मचारी का योगदान EPF में जमा होता है। वहीं, कंपनी का अंशदान दो हिस्सों में बांटकर जमा किया जाता है। इनमें 3.67% EPF में जाता है और दूसरा 8.33 फीसदी हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना (EPS 1995) में जाता है।
EPS कर्मचारी के रिटायरमेंट पर काम आती है। इससे उसे रिटायरमेंट बाद पेंशन तय हो जाती है, जो उसके बुढ़ापे में खर्चा चलाने का स्रोत होती है।
EPS का फायदा लेने के लिए कम से कम 10 साल तक नौकरी करनी पड़ती है। हालांकि 9 साल 6 महीने की नौकरी भी 10 साल की मानी जाती है।
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