पहला भाग EPF में जमा होता है और दूसरा भाग EPS यानी पेंशन फंड में जमा होता है। कर्मचारी के मूल वेतन का 12 प्रतिशत हिस्सा पीएफ खाते में जमा होता है। इतनी ही राशि का योगदान उसकी कंपनी भी देती है।
कर्मचारी के बेसिक वेतन का 12 फीसदी भाग तो EPF में जाता है, लेकिन कंपनी के योगदान का 8.33 भाग कर्मचारी पेंशन योजना यानी EPS में जमा होता है और 3.67 प्रतिशत भाग EPF में जमा किया जाता है। EPS योजना के तहत 58 वर्ष की आयु में रिटायर होने के बाद संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को पेंशन मिलती है। हालांकि, इस योजना का लाभ सिर्फ तभी लिया जा सकता है जब कर्मचारी ने कम से कम 10 वर्षों के लिए सर्विस दी हो। इसमें लगातार सर्विस दिया जाना जरूरी नहीं।
कौन ले सकता है EPS का लाभ
- EPS योजना के तहत पेंशन का लाभ लेने के लिए कुछ शर्तें पूरी करना होती हैं। इनमें सबसे पहली शर्त यह है कि लाभार्थी को EPFO का सदस्य होना चाहिए।
- उम्र 58 साल होनी चाहिए। हालांकि, 50 साल की आयु होने पर अपना कम दर पर पेंशन निकाल सकते हैं।
- कम से कम 10 साल नौकरी की हो, जरूरी नहीं है कि नौकरी लगातार की हो।
- 58 की उम्र में रिटायर होने के बाद यदि पेंशन को दो साल और यानी 60 की उम्र होने तक नहीं निकालते तो उसके बाद पेंशन पर प्रति वर्ष 4% और अधिक interest मिलेगा।
पेंशन कैलकुलेट करने का तरीका
रिटायरमेंट के बाद आपको EPS योजना के तहत मासिक पेंशन कितना मिलेगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपका पेंशन योग्य वेतन कितना है और आपने कितने वर्षें तक पेंशन योग्य सेवा दी है। किसी भी PF खाताधारक सदस्य की मासिक पेंशन राशि का कैलकुलेशन इस सूत्र के अनुसार किया जाता है।
EPS कैलकुलेशन फॉर्मूला= पेंशन योग्य वेतन X सर्विस पीरियड /70
किसी भी PF अकाउंट होल्डर का पेंशन योग्य वेतन कर्मचारी की पेंशन योजना में आने से पहले पिछले 12 महीनों के मासिक वेतन का औसत होता है। वहीं, EPFO सदस्य की वास्तविक सेवा अवधि ही पेंशन योग्य सेवा के रूप में मानी जाती है। पेंशन योग्य सेवा अवधि की गणना के समय विभिन्न नियोक्ताओं और कंपनियों में की गई नौकरी की अवधि को जोड़ा जाता है। इसके लिए कर्मचारी को EPS स्कीम सर्टिफिकेट हासिल करना होता है और हर बार नौकरी बदलने पर उसे यह प्रमाण पत्र नए नियोक्ता/कंपनी के पास जमा करना आवश्यक होता है।
कर्मचारी अगर 20 साल नौकरी कर लेता है तो उसे दो साल का बोनस मिलता है। लेकिन यदि सदस्य अपने EPS फंड को 10 साल की सेवा अवधि पूरी करने से पहले या किसी अन्य कंपनी में शामिल होने पर निकाल लेता है तो उसे EPS खाते में योगदान के लिए नए सिरे से शुरूआत करनी होती है और सेवा अवधि शून्य से निर्धारित की जाएगी। पेंशन योग्य सेवा अवधि 6 महीनों के आधार पर गिनी जाती है। अगर किसी कर्मचारी ने 12 साल 4 महीने काम किया है तो उसे 12 साल ही माना जाएगा। लेकिन यदि उसने 12 साल 7 महीने काम किया है तो उसे 13 साल गिना जाएगा।
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