लोकसभा में राष्ट्रपति अभिभाषण के जवाब में प्रधानमंत्री का भाषण चल रहा था उस भाषण के दौरान प्रधानमंत्री जी ने कुछ ऐसे कानून और उनके द्वारा किए गए कार्य को बताया जो बिना मांगे उन्होंने देश की जनता को दिए हैं उसमें से एक बताया ई पी एफ पेंशन धारियों को 2014 में मिनिमम पेंशन ₹1000 कर दी और उनकी इस बात पर सभी भारतीय जनता पार्टी के सांसदो ने मेजे थपथपा कर प्रधानमंत्री जी का आभार माना ।
सरकार और उनके सांसदों को जरा भी शर्म नहीं आई कि आज के जमाने में ₹1000 रु. महीने से क्या होता है । वह ₹1000 पेंशन करके इसे वह अपनी बहुत बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं और वह भी तब-जबकी भारतीय जनता पार्टी के 2014 के लोकसभा चुनाव में घोषणा पत्र में कहा गया था कि हम मिनिमम पेंशन ₹3000 कर देंगे जो आज 8 वर्षों में भी अपनी घोषणाओं को पूरा नहीं कर सके ।
EPF पेंशन सरकार को अपने पास से नहीं देना है । कर्मचारियो का 8.33 प्रतिशत प्रोविडेंट फंड कटता है इसी में से कुछ हिस्सा फेमेली प्रोविडेंट फंड में जाता है और उसी फंड में से कर्मचारियों को पेंशन दी जाती है।
जो सरकार कर्मचारियों के फंड में से ही कर्मचारियों को पेंशन नहीं दे सकती उससे क्या उम्मीद की जा सकती है।
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