बता दें कि EPF में एंप्लॉयर व इंप्लॉई दोनों की ओर से योगदान कर्मचारी की बेसिक सैलरी+DA का 12-12 फीसदी है। नियोक्ता के 12 फीसदी योगदान में से 8.33 फीसदी इंप्लॉई पेंशन स्कीम EPS 95 में जाता है। मिली जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में पैनल EPFO के तहत 10 खरब रुपए के कोष का प्रबंधन, प्रदर्शन और निवेश पर मंथन भी करेगा।
इसपर चर्चा करने के लिए पैनल का गठन सितम्बर महीने में किया गया था। काफी समय से EPFO के कोष को फंड मैनेजर देख रहे हैं। साथ ही इसके निवेश से जुड़े फैसले भी वही करते हैं। ऐसे में यह पैनल इसका आकलन करेगा। पैनल के सदस्य कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते EPFO कोष पर पड़ने वाले प्रभाव का भी आकलन करेगा।
जानकारी के मुताबिक, PF कोष के लिए गठित पैनल की 3 और 4 नवम्बर को होने वाली बैठक में कर्मचारियों की पेंशन योजना (EPS) के तहत पेंशन बढ़ाने और खाताधारक की मृत्यु के मामले में परिवारों को मिलने वाली राशि की उपलब्धता सुनिश्चत करने पर भी चर्चा हो सकती है। EPS 1995 योजना के तहत न्यूनतम पेंशन (EPS 1995 Minimum Pension) को बढ़ाकर 5,000 रुपए मासिक भुगतान करने पर भी विचार हो सकता है। पिछले कूच वर्षो से कई ट्रेड यूनियन और श्रमिक संगठन भी पेंशन की राशि बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। केंद्र सरकार का मकसद असंगठित श्रमिकों को बुढ़ापे की सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है।
EPF कोष पर पैनल कई बैठकों में इस मुद्दे पर चर्चा करेगी और अपनी विस्तृत रिपोर्ट संसद को शीतकालीन सत्र में सौपेंगी। पैनल के सदस्यों ने श्रम मंत्रालय के प्रतिनिधियों को दूसरे देशों में संगठित और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए किए गए प्रावधानों का भी ब्योरा दिया है।
फोटो सांकेतिक है |
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