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EPS 95 Pensioners Latest News: Very Important Message to EPS 95 Pensioners From Pradeep Srivastava प्रान्तीय अध्यक्ष EPS 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति

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साथियों
राष्ट्रीय संघर्ष समिति माननीय कमांडर श्री अशोक राऊत जी के नेतृत्व  मे उन बिशेष बर्ग ( निर्बल, असहाय ) लोंगो की लड़ाई मे है जो कोर्ट का खर्चा वहन करने के स्तिथि मे नहीं, जिसका प्रमाण ये है की आज तक न तो कोई चंदा किसी से माँगा गया है और न कोई सदस्यता शुल्क ही लिए गया है अभी तक, जो लोग आंदोलन मे जाते है अपना खर्चा स्वम वहन करते है ! आर्थिक सहयोग के रूप मे चन्द लोंगो ने जो भी  अपनी मर्जी से दी होंगी, फिर भी 65 लाख लोंगो के बर्चस्व के रक्षा के लिए हमारे सारे कार्यकर्त्ता तत्तपर है !


हमने सभी ( राजनैतिक पार्टी उनके सांसद, मंत्री,  चाहे पक्ष हो या बिपक्ष हो,  सभी ट्रेड यूनियन जो हमारा प्रतिनिधित्व करती रही और हम उन्हें  आर्थिक रूप से मजबूत भी करते रहे है, ) को ज्ञापन सौपा पर सबने उसे रद्दी का पुलंदा ही समझा और फेक दिया, किसी ने हमारी मांग को मुख्य नेतृत्व को नहीं सौपा न आवाज़ उठायी !

एक मात्र मथुरा सांसद माननीया श्रीमती हेमा मालनी जी से जब हमारा मथुरा का संगठन के पदाधिकारियों ने सम्पर्क किया तो उन्होंने हमारी समस्या को सुनी और तुरंत श्रम मन्त्री जी बात की उन्हें निर्देशित किया आप प्रतिनिधि मंडल से मिल के इनकी समस्या को सुने और निपटारा करें, हमारा प्रतिनिधि मंडल दूसरे दिन ही मंत्री जी के बरेली आवास पर मुलाक़ात की, मंत्री जी ने जो कहा सुन के आश्चर्य हुआ, उन्होंने कहा की मामला सर्वोच्च न्यायलय मे है इसके फैसला आने के बाद बिचार किया जायेगा !


सवाल ये है की न्यायलय गया कोन है वो बर्ग गया है या तो उच्च बेतन मान मे है या प्रवीण कोहली जी ने भर्म के जाल मे फंसा हुआ है जहा तक हमें जानकारी है सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के आधार पर बही लोग सिर्फ हायर पेंशन के हक़दार होंगे जो 1995 से जब तक का रिटायर हुए होंगे उनका डिफ्रेंस जमा करना होगा ! जो भी इस स्तिथि मे हो वही सर्वोच्च न्यायालय के फैसला का इंतजार करें  मिनिमम 5 लाख मैक्सिमम की सीमा ज्ञात नहीं मुझे  !

मथुरा प्रतिनिधि मंडल दुबारा हेमा जी से मुलाक़ात कर जब मन्त्री जी की बात बताई तो उन्होंने तुरंत दूरभाष पर पूछा मंत्री जी से आपके बस का हो तो कहे नहीं तो मे प्रधानमंत्री जी से बात करू ! फिर दुबारा एक प्रतिनिधि मंडल हेमा जी के व्यकिगत सचिव के नेतृत्व मे दिल्ली श्रम शक्ति भवन मे श्रम सचिव स्तर पर बार्ता की ! बार्ता के परिणामस्वरूप :---

उसके बाद हेमा जी के नेतृत्व मे एक प्रतिनिधि मंडल माननीय प्रधानमंत्री जी के समक्ष उपस्थिति हुआ और आपकी पूरी समस्या से अवगत कराया जो पूरी तरह से आपकी समस्या से अनभिज्ञ थे उनके द्वारा तुरंत निर्देशित भी किया सम्बंधित बिभाग को पर हमारा दुर्भाग्य ये है इसी बीच कोरोना माहमारी ने पुरे देश क्या पुरे विश्व को अपने चपेट मे ले लिए और हमारी प्रगति रुक गयी !अब भी कमांडर साहब के वो सिपाही जो हर आंदोलन मे उनके साथ खड़े होते है निराश नहीं है आगे की लड़ाई के लिए पूर्ण रूप से समर्पित है !

निराश सिर्फ वो बर्ग है जो न कही आता है और न कही किसी मीटिंग या  आंदोलन स्थल तक जाता है ! घर पड़े ही उम्मीद बनता है और निराश भी होता, आपने कभी सोचा आपका क्या और कितना सहयोग है इस आंदोलन मे किस बात की उम्मीद की थी जो निराश हो गए !

जिसे आवाज़ उठाने की ताकत नहीं होती वो लोग दया के भी पात्र नहीं होते!

आने जाने मे सक्ष्म नहीं तो आर्थिक रूम से संगठन को तो मजबूत करे !

जहा तक सवाल रहा हेमा मालिनी जी का तो वो राजनैतिक पृष्ठ भूमि से नहीं है, न तो उन्हें सरकार से शोहरत चाहिए न पैसा चाहिए, क्युकि वो दोनों की मुहताज नहीं इसी लिए हमारी दुर्दशा को समझा और साथ प्रयत्नशील भी है आज भी हमारे मथुरा संगठन के सम्पर्क मे है धैर्य का परिचय दें आप, संगठन को मजबूत करने का प्रयास करें बस, निराश वो होते है जिन्हे अपने आप पर भरोसा नहीं होता !

आपके पेंशनर न होते हुए माननीय कमांडर अशोक राऊत आपको कैसे कैसे एकत्रित किया, संगठित किया और आपको ये बता दिया की अगर आप अपने लिए लड़ने को तैयार हो तो मे आपके साथ  तन मन धन से आप पर मिटने को तैयार हूँ  !

एक तो कमांडर साहब का नेतृत्व दूसरे साहसिक, समाजसेवी माननीया सांसद हेमा जी का साथ फिर भी आप निराश है जबकि दोनों आपके पेंशनर नहीं !
नेतृत्व स्वीकार कर सहयोग बनाये, सगठन को मजबूत करें और कामयाब हो !

धन्यवाद
आपका एवं कमांडर साहब का एक सिपाही
प्रदीप श्रीवास्तव



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