EPFO ने 6 करोड़ सब्सक्राइबर्स को तोहफा देते हुए EPF पर ब्याज की दर बढ़ा दी है। EPFO ने साल 2018-19 के लिए ब्याज की दर में 0.10 फीसदी की बढ़ोतरी की है। अब आपको EPF पर 8.65 फीसदी ब्याज मिलेगा। पिछले साल ये दर 8.55 फीसदी थी।
वित्त वर्ष 2016 के बाद पहली बार पीएफ की ब्याज दरों में बढ़ोतरी हुई है। साल 2012-13 में PF पर 8.5 फीसदी ब्याज दर थी। इसके बाद साल 2013-14 में ये बढ़कर 8.75 फीसदी हो गई। साल 2014-15 में आपको पीएफ पर 8.75 फीसदी ब्याज मिला था। वहीं 2015-16 में ये ब्याज दर बढ़कर 8.8 फीसदी हो गई थी।
साल 2016-17 में PF पर ब्याज की दर घटकर 8.65 फीसदी हो गई थी। वहीं पिछले साल भी इसमें कटौती हुई थी। पिछले साल आपको PF पर 8.55 फीसदी ब्याज मिला था।
श्रम मंत्री की अध्यक्षता में ईपीएफओ का बोर्ड पीएफ पर ब्याज दरों को लेकर फैसला करता है। EPFO के ब्याज दरें तय करने के बाद ये प्रस्ताव वित्त मंत्रालय के पास जाता है। वित्त मंत्रालय की मंजूरी इसके लिए जरूरी होती। वित्त मंत्रालय से हरी झंडी मिलते ही बढ़ी हुई ब्याज दर का फायदा PF अकाउंट धारकों को पहुंचा दिया जाता है।
EPFO के पास 151 करोड़ रुपए का सरप्लस है। 8.65 फीसदी की दर सरकारी छोटी बचत योजनाओं की दर से ज्यादा है। EPFO के देश में 6 करोड़ से ज्यादा सदस्य हैं। ये 11 लाख करोड़ रुपए की रिटायरमेंट सेविंग की देखरेख करता है।
वित्त वर्ष 2016 के बाद पहली बार पीएफ की ब्याज दरों में बढ़ोतरी हुई है। साल 2012-13 में PF पर 8.5 फीसदी ब्याज दर थी। इसके बाद साल 2013-14 में ये बढ़कर 8.75 फीसदी हो गई। साल 2014-15 में आपको पीएफ पर 8.75 फीसदी ब्याज मिला था। वहीं 2015-16 में ये ब्याज दर बढ़कर 8.8 फीसदी हो गई थी।
साल 2016-17 में PF पर ब्याज की दर घटकर 8.65 फीसदी हो गई थी। वहीं पिछले साल भी इसमें कटौती हुई थी। पिछले साल आपको PF पर 8.55 फीसदी ब्याज मिला था।
श्रम मंत्री की अध्यक्षता में ईपीएफओ का बोर्ड पीएफ पर ब्याज दरों को लेकर फैसला करता है। EPFO के ब्याज दरें तय करने के बाद ये प्रस्ताव वित्त मंत्रालय के पास जाता है। वित्त मंत्रालय की मंजूरी इसके लिए जरूरी होती। वित्त मंत्रालय से हरी झंडी मिलते ही बढ़ी हुई ब्याज दर का फायदा PF अकाउंट धारकों को पहुंचा दिया जाता है।
EPFO के पास 151 करोड़ रुपए का सरप्लस है। 8.65 फीसदी की दर सरकारी छोटी बचत योजनाओं की दर से ज्यादा है। EPFO के देश में 6 करोड़ से ज्यादा सदस्य हैं। ये 11 लाख करोड़ रुपए की रिटायरमेंट सेविंग की देखरेख करता है।
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