2019 के लोकसभा चुनावों से पहले किसानों के लिए विशेष पैकेज की भी तैयारी हो रही है, वहीं दूसरी तरफ जीएसटी की दर घटाकर मिडिल क्लास को भी राहत दी गई है। अब सिर्फ कर्मचारी वर्ग ही बच गया है। इसके लिए EPFO तैयारी कर रहा है। साल 2019 में कर्मचारियों को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) बड़ा तोहफा दे सकता है। वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि ईपीएफओ अपने अंशधारकों को ज्याद ब्याज मुहैया करना चाहता है। वह इसके लिए पीएफ अंशधारकों को जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर इक्विटी में निवेश घटाने या बढ़ाने का विकल्प देने की तैयारी में है। इस विकल्प मिलने के बाद जो अंशधारक अपने कोष पर अधिक रिटर्न लेना चाहेंगे वो शेयर बाजारों में निवेश बढ़ाएंगे। EPFO करोड़ों कर्मचारियों के लिए EPF पर ब्याज की दर 8.55 फीसदी से बढ़ सकती है।
इसके लिए अभी ईपीएफ में आंतरिक रिव्यू होना बाकि है। हालांकि मामले से जुड़े 3 अधिकारियों ने ब्याज दरें बढ़ने की संभावना जताई है। अगर ये नहीं बढ़ती है तो मौजूदा लेवल पर बनी रहेगी।
2017-18 में ईपीएफ पर 8.55 फीसदी ब्याज मिला था। ये पिछले 5 साल में सबसे कम ब्याज दर है। 2018 में PPF और नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर 7.7 फीसदी ब्याज दर रही है। ऐसे में ईपीएफ पर 8.55 फीसदी की ब्याज दर बहुत आकर्षक है।
अधिकारी EPF पर नई ब्याज दर का एलान जनवरी के आखिरी हफ्ते में करेंगे। अधिकारी के मुताबिक हम इस बात की संभावना तलाश रहे हैं कि क्या ब्याज दर को 8.55 फीसदी से ज्यादा बढ़ाया सकता है। दरें घटाने की कोई संभावना नहीं है।
EPFO के 6 करोड़ सब्सक्राइबर हैं। ये संस्था करीब 11 लाख करोड़ रुपए का रिटायरमेंट फंड मैनेज करती है। आमतौर पर EPFO दिसंबर में ब्याज दर का एलान कर देता है पर इस बार ऑडिट के कारण इसमें देरी हो रही है। पिछले साल EPFO के पास 600 करोड़ रुपए सरप्लस पड़े थे। अभी EPFO ने ETF के जरिए शेयर बाजार में 50 हजार करोड़ रुपए निवेश किए हुए हैं।
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