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EPS 95 Pensioners Latest News: Full Detail News on EPS 95 Pensioners Delhi Srike From 4 to 7 December

यह EPS 95 पेंशन धारकोका अनशन ४ दिसंबर २०१८ को शुरू हुआ था। और ४ दिसम्बर के दिन ही CBT की बैठक भी थी।

 पेंशनर्स की प्रमुख मांगे:

  1. EPFO के द्वारा जारी किये गए पत्र दि. ३१ मई २०१७ को रद्द किया जाये। 
  2. न्यूनतम पेंशन को 7500  प्रति महा की दर से दे और इसे DA के साथ भी करें। 
  3. जो सेवानिवृत्त कर्मचारी EPS 95  के सदस्य नहीं है, उन्हें भी पूर्व तारीखों से अंशदान  लेकर  सदस्य बनाया जाये और उन्हें कम से कम 5000 रु.  प्रति महा की दर से पेंशन दिया जाए। 
  4. Commutted  Pension की राशि को पूर्व व्यवस्था की तरह तरह 100 माह के बाद पेंशन से जोड़ा जाए। 
  5. पेंशनर्स के मृत्यु के बाद उसकी विधवा को 50%  की जगह 100% पेंशन दिए जाए।
4 दिसम्बर को CBT मीटिंग के चलते श्रम मंत्रालय के गेट पर EPS-95 के पेंशनधारकों ने करुणामय आवाज भी लगाई थी और जोरदार प्रभावशाली  प्रदर्शन भी किया था। मा. कमांडर साहब के नेतृत्त्व में यह हुआ प्रदर्शन था।  इस अनशन में मातृ शक्ति का भी सहभाग रहा। कुछ पेंशन धारकों ने गेट के सामने लेटकर करुणा भरी पुकार लगाई थी और ज्ञापन सादर किया गया था।

I am happy to inform you all that the agitation at Delhi has ended peacefully on the assurance of Hon. Minister. Dr. Bhagirath Prasad, IAS RETIRED, MP OF BHIND, has arrived at the tent on behalf of Hon. Minister and assured that the matter is being taken to the notice of Hon Prime Minister and all of demands will be attended to and sorted out in our favor.
On his assurance the agitation has been closed. At the closure, Commander Ashok Raut has informed that 15 th of this month is kept as deadline for our Hon. Minister and EPFO to clear out all our demands.
I thank all the pensioners for the moral support given with their donations and motivated about 30 people from South India.

7 दिसंबर 2018 को अखिल भारतीय EPS-95 पेंशनर्स का आंदोलन खत्म हो गया है। केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार के आश्वासन पर पेंशनर्स ने अपना आमरण अनशन खत्म करने का फैसला किया है। श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने 7,500 रुपये मासिक पेंशन और महंगाई भत्ते की सिफारिश वित्त मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय में भेजने का आश्वासन दिया। इसके साथ ही उन्होंने 31-5-2017 की अंतरिम एडवाइजरी भी वापस लेने का आश्वासन दिया है। इससे बुजुर्ग पेंशनर्स का 4 दिसंबर 2018 से चला आ रहा आमरण अनशन समाप्त हो गया।। अब वित्त मंत्रालय और प्रधानमंत्री पेंशनर्स की मांगों पर फैसला करेंगे और पेंशनर्स के हित में फैसला करेंगे। राउत ने कहा कि हमारा प्रधानमंत्री मोदी पर विश्वास है। प्रधानमंत्री हमेशा कहते हैं कि हमारी सरकार गरीबों और उपेक्षितों के प्रति समर्पित है।
इस दौरान राष्ट्रीय संघर्ष समिति (NAC) के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत ने बताया कि श्रम मंत्री के शहर में न होने से भिंड के सांसद डॉ. भागीरथ प्रसाद धरना स्थल पर आए और उन्होंने श्रम मंत्री की तरफ से पेंशनर्स को उनकी मांगे मानने का आश्वासन दिया। श्रम मंत्री का कहना है कि बुजुर्ग पेंशनर्स की मांगों पर अमल 15 दिसंबर से शुरू होगा। राउत ने कहा कि यह आंदोलन खत्म नहीं हुआ था। यह आंदोलन का पहला चरण है। अगर दिसंबर तक पेंशनर्स की मांगें नहीं मानी गई तो आंदोलन फिर शुरू किया जाएगा।


भिंड के सांसद और IAS डॉ. भागीरथ प्रसाद ने कहा कि आज 21वी सदी में जब सरकारी क्षेत्र में काम करनेवाले कर्मचारियों की तनख्वाह काफी बढ़ चुकी है। रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों को अच्छी पेंशन मिल रही है। वहीं ईपीएस-95 के पेंशनर्स को केवल नाममात्र की पेंशन मिल रही है। ”उन्होंने पेंशनर्स को ढाढस बंधाते हुए कहा कि आपके प्रतिनिधि के रूप में मैं आपकी लड़ाई लड़ने के लिए बिल्कुल तैयार हू। मेरी श्रम मंत्री से बात हुई है। केंद्र सरकार का पेंशनर्स की मांगों पर अनुकूल रुख है। ईपीएस पेंशनर्स का कोई सहारा नहीं है, राज्य सरकार का कोई सहयोग नहीं है। पेंशनर्स की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करके पेंशनरों के लिए अच्छी व्यवस्था करनी होगी, ताकि वह सम्मानपूर्वक जीवन यापन कर सके। उन्होंने कहा कि मैं फिर वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के सामने यह मुद्दे उठाऊंगा और आपके हित में फैसले कराऊंगा।

वहीं धरने में शामिल महाराष्ट्र से आई बुजुर्ग महिला कमला बाई पवार ने कहा की मैं मंत्री जी का धन्यवाद करती हूं की उन्होने हमारी मांगो को मानते हुए वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के सामने यह प्रस्ताव रखा है, लेकिन मैं उन्हे आगाह भी करना चाहती हूं की अगर दिसंबर में तय तारीख तक हमारी मांगो पर सकारात्मक कार्यवाही नहीं की गई तो मैं फिर से दिल्ली आउंगी और इस बार तो आत्मदाह कर के ही रहूंगी।

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