EPF के पेंशनर्स ने सरकार से पेंशन बढ़ाने की मांग की है। पेंशनर्स का कहना है कि अगर सरकार उनकी मांगे नहीं मानती है, तो वे 7 दिसंबर को जंतर-मंतर पर सामूहिक आत्मदाह करेंगे। ईपीएफ राष्ट्रीय संघर्ष समिति का कहना है कि EPS-95 योजना के तहत 62 लाख पेंशनधारक है, जिसमें से करीब 40 लाख सदस्यों को हर महीने 1500 रुपये से कम पेंशन मिल रही है।
१ दिसम्बर शनिवार को दिल्ली के प्रेस क्लब में हुई कॉन्फ्रेंस में EPS राष्ट्रीय संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक राउत ने सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि आजकल की महंगाई के वक्त में कैसे बुजुर्ग पेंशनर्स 2500 रुपए में अपना महीने भर का खर्च कैसे चला सकते हैं? उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि EPF पेंशनर्स 4 दिसंबर से नई दिल्ली के भीकाजी कामा प्लेस स्थित भविष्य निधि कार्यालय के सामने आमरण अनशन पर बैठेंगे। वहीं, अगर सरकार मांगें नहीं मानती है तो वह 7 दिसंबर को जंतर-मंतर पर सामूहिक आत्मदाह करेंगे।
उन्होंने बताया कि विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने यह मुददा उठाया था और तत्कालीन यूपीए सरकार ने भाजपा सांसद भगत सिंह कोश्यारी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी। राज्यसभा को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कमेटी ने वर्तमान पेंशन को अमानवीय बताते हुए पेंशनर्स को कम से कम 7500 रुपये व 5000 रुपए महंगाई भत्ता दिए जाने की सिफारिश की थी इसके बावजूद अब तक कमेटी की सिफारिशों को लागू नहीं किया गया। केंद्र के पास पेंशनर्स से जमा किए गए फंड के तहत 2 लाख करोड़ से अधिक रुपये जमा हैं, जिस पर सरकार ब्याज कमा रही है, लेकिन हकदारों को उनका हक नहीं मिल रहा है।
राउत के मुताबिक EPF पेंशन के लिए संघर्ष कर रहे लोगों की उम्र 60 से 80 वर्ष के बीच है और एक साल के भीतर 2 लाख पेंशनर्स दम तोड़ चुके हैं। बाकी जो जिंदा हैं उनके पास भी ज्यादा जिंदगी नहीं बची है। उन्होंने बताया कि महंगाई के जमाने में EPS-95 के पेंशनर्स को सिर्फ 200 रुपये से 2500 रुपए महीने पेंशन मिल रही है, जबकि सरकारी कर्मचारियों की महीने का तनख्वाह डेढ़ लाख तक पहुंच गई है।
उन्होंने मांग की है कि EPFO की ओर से 31 मई 2017 को जारी किए गए अंतरिम पत्र पेन-1/12/33/ईपीएस संशोधन/96/वॉल्यूम II/4432 को रद्द कर माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार पेंशनर्स को उच्च पेंशन की सुविधा देने के साथ पेंशन को डीए से जोड़ा जाए। साथ ही, EPS-95 योजना में शामिल पेंशनर्स और उऩकी पत्नियों को मुफ्त मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध हों। वहीं, 20 साल तक काम करने वाले पेंशनर्स को नियमानुसार दो साल का वेटेज दिया जाए।
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