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Pensioners Latest News: पेशनरों के सामने आई बड़ी मुसीबत, जल्द करा लें यह काम, नहीं तो रुक जाएगी पेंशन

लखीमपुर खीरी: जिले के हजारों पेंशनर इस समय परेशान हैं क्योंकि उन्हें खुद के जिंदा होना का सबूत देना पड़ रहा है। पेंशन पाने के लिए कोषागार में जिंदा होने का प्रमाण पत्र जमा करना है। यह प्रमाण पत्र बैंकों से सत्यापित कराकर कोषागार को देना होता है। इसको लेकर आ रही दिक्कतों पर रिटायर्ड एम्पलाई एसोसिएशन ने भी कोषाधिकारी से मिलकर बात की। इस पर कोषाधिकारी ने बताया कि जीवित प्रमाण पत्र देने के लिए कोषागार दौड़ने की जरूरत नहीं है। तहसीलों के उप कोषागार में भी वह जीवित प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं।

पेंशनरों को हर साल के नवंबर महीने में खुद को जीवित होने का प्रमाण पत्र कोषागार में देना होता है। अगर प्रमाण पत्र नहीं दिया तो पेंशन पर रोक लग जाती है। इसलिए नवंबर महीने में बुजुर्ग अपने जिंदा होने का प्रमाण पत्र बनाकर कोषागार में जमा करते हैं। इस समय कोषागार में जीवित प्रमाण पत्र जमा करने के लिए काफी तादात में लोग पहुंच रहे हैं।

यहां भी दे सकते हैं प्रमाण पत्र बुजुर्ग पेंशनरों की समस्याओं को लेकर रिटायर्ड एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल वरिष्ठ कोषागार आनंद कुमार से मिला। उन्होंने बताया कि जीवित होने का प्रमाण पत्र देने के लिए पेंशनरों को काफी दिक्कत आ रही है। कोषाधिकारी ने कहा कि पेंशन फॉर्म जमा करने के लिए पांच काउंटर बनाए गए हैं। तहसीलों में भी प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं। पेंशनर तहसीलदार के पास जीवित प्रमाण पत्र दे सकते हैं। वहीं वरिष्ठ कोषाधिकारी आनंद कुमार ने बताया कि पेंशनरों को जीवित प्रमाण पत्र देने के लिए मुख्यालय दौड़ने की जरूरत नहीं है। अपनी तहसील से संबंधित जीवित प्रमाण पत्र जिसे बैंक शाखा द्वारा सत्यापित होने के बाद कोषागार का इंडेक्स नंबर अंकित कर तहसील के उप कोषागार में जमा कर दें।

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