Breaking News

EPFo Latest News: ईपीएफओ अमृतसर क्षेत्र के कार्यकारी कमिश्नर ने 94 संगठनों को भेजे कारण बताओ नोटिस

EPFO (ईपीएफओ) अमृतसर क्षेत्र के कार्यकारी कमिश्नर ने 94 औद्योगिक संस्थानों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। इन संस्थानों ने कई कर्मचारियों के भविष्य निधि के खातों को आधार कार्ड, बैंक खाते और पेन कार्ड से ¨लक कर केवाईसी अपडेट नहीं किया।

विभाग के कार्यकारी कमिश्नर निशांत यादव ने 80 नोटिस तो अमृतसर और तरनतारन के शैक्षणिक और औद्योगिक व अन्य संस्थानों को ही जारी किए हैं। इनमें 14 संस्थान बटाला और गुरदासपुर के हैं। विभाग ने इनके डायरेक्टरों व मालिकों आदि के खिलाफ क्यों न कार्रवाई किए जाने बाबत 10 दिन में जवाब मांगा है।


निशांत यादव कहते हैं कि लेबर मंत्रालय की विशेष पॉलिसी के तहत पीएफ से संबंधित हर सेवा को ऑनलाइन किए जाने के साथ ही इसे पेपरलेस किया जाना है। इसके लिए जरूरी है कि चाहे शैक्षणिक संस्थान हो या औद्योगिक संगठन, उन्हें अपने सभी कर्मचारियों के पीएफ खाते को केवाईसी से ¨लक करना है। इससे पहले कर्मी के पीएफ खाते को उसके आधार कार्ड और बैंक खाते से ¨लक करना जरुरी है। इसके तहत ही विभाग की ओर से पीएफ खाता खोलने के साथ ही यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) जारी किया जाता है, जो संस्थान या प्रदेश बदलने के साथ भी नहीं बदलता।


यादव ने बताया कि ऐसा होने पर कर्मचारी को पीएफ से संबंधित किसी भी तरह की सेवा लेने के लिए कार्यालय में आने की जरुरत नहीं। कर्मी घर बैठे ही अपने पीएफ खाते का स्टेटस जान सकेगा और वहीं से ही पैसे भी निकलवा सकेगा। क्योंकि कर्मचारियों के पीएफ खाते को केवाईसी अपडेट करना संस्था और संगठन के डायरेक्टर या मालिक की जिम्मेवारी है तो इसके लिए उन्होंने अभी तक अमृतसर, तरनतारन, बटाला और गुरदासपुर में 94 कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। नोटिस का जवाब मिलने के बाद संबंधित संगठनों के डायरेक्टरों या मालिकों के खिलाफ पीएफ एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।


इन्हें भी जारी किए नोटिस


अमृतसर में चीफ खालसा दीवान स्कूल, खन्ना पेपर मिल और कोचर इंफोटेक कंपनी के नाम शामिल हैं। इन संस्थानों में काम करने वाले सभी कर्मचारियों का केवाईसी अपडेट नहीं। जिसके चलते कर्मियों को सेवाएं लेने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

अमृतसर की थाई स्पा एंड सैलून और बार-बी-क्यू को नोटिस जारी किया गया था। उक्त संगठन निर्धारित समय में संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए तो पीएफ एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए उक्त दोनों संस्थाओं के किराए को विभाग के साथ अटैच कर लिया। जब तक विभाग की वसूली पूरी नहीं होता उनके किराए विभाग के खाते में आते रहेंगे।

Post a Comment

0 Comments