EPS-95 Pension Hike Good News: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation) EPS 95 पेंशनर्स को सुप्रीम कोर्ट से 4 नवंबर 2022 को बड़ी राहत मिली है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कर्मचारी भविष्य निधि ( EPF ) में योगदान करने वाले लाखों कर्मचारियों की कर्मचारी EPS 95 पेंशन योजना (Employee Pension Scheme) की पेंशन एक झटके में 300% तक बढ़ जाएगी! EPFO ने कर्मचारियों की EPS पेंशन योजना 1995 के लिए अधिकतम वेतन 15 हजार रुपये (मूल वेतन) तय किया था जिसे कुछ पेंशनर्स के लिए सुप्रीम कोर्ट ख़ारिज कर दिया है।
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सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation) की 15000 सैलरी-लिमिट को खत्म कर दिया है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट से 4 नवंबर 2022 को अंतिम आदेश सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से कई कर्मचारियों की कर्मचारी पेंशन योजना (Employee Pension Scheme) में पेंशन की गणना अंतिम वेतन यानी उच्च वेतन ब्रैकेट पर की जायेगी। EPFO के इस फैसले से कर्मचारियों को कई गुना ज्यादा EPS पेंशन मिलेगी। बता दें कि पेंशन पाने के लिए EPF में 10 साल तक योगदान करना जरूरी है। वहीं, 20 साल की सेवा पूरी करने पर 2 साल का वेटेज मिलता है ।
आपकी Employee Pension Scheme 1995 पेंशन कैसे बढ़ेगी ? यहां समझें
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( Employees’ Provident Fund Organisation ) की मौजूदा व्यवस्था के मुताबिक अगर कोई कर्मचारी 1 जून 2015 से नौकरी कर रह है और 14 साल की सेवा पूरी करने के बाद पेंशन लेना चाहता है तो उसकी कर्मचारी पेंशन योजना ( Employee Pension Scheme ) में पेंशन की गणना 15,000 रुपये ही की जाएगी, भले ही वह किसी EPS कर्मचारी के साथ काम कर रहा हो। वेतन 20 हजार रुपये बेसिक सैलरी ब्रैकेट में हों या 30 हजार रुपये। पुराने फॉर्मूले के मुताबिक कर्मचारी को 14 साल पूरे होने पर 2 जून 2030 से करीब 3000 रुपये पेंशन मिलेगी। पेंशन की गणना का सूत्र है- (सेवा इतिहासx15,000/70)। लेकिन, अब सुप्रीम कोर्टने आंशिक फैसला कर्मचारियों के पक्ष में दिया है, तो कर्मचारी की पेंशन बढ़ जाएगी।
Employee Pension Scheme में बढ़ोत्तरी का उदाहरण : EPS-95 Pension Increase Good News
मान लीजिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation) सब्स्क्राइबर की नौकरी 33 साल है। उनकी आखिरी बेसिक सैलरी 50 हजार रुपये है ! कर्मचारी पेंशन योजना (Employee Pension Scheme) की मौजूदा व्यवस्था के तहत पेंशन की गणना अधिकतम 15 हजार रुपये वेतन पर ही की जाती थी । इस तरह ( फॉर्मूला: 33 साल+2= 35/70×15,000) पेंशन सिर्फ 7,500 रुपये होती थी। मौजूदा व्यवस्था में यह अधिकतम EPS पेंशन है। लेकिन, पेंशन की सीमा हटाने के बाद पेंशन को अंतिम वेतन के हिसाब से जोड़ने पर उन्हें 25000 हजार रुपये पेंशन मिलेगी. मतलब (33 साल+2= 35/70×50,000=25000 रुपये)।
Employees’ Provident Fund Organisation
बता दें कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation) के नियमों के मुताबिक अगर कोई कर्मचारी लगातार 20 साल या इससे ज्यादा समय तक कर्मचारी पेंशन योजना (Employee Pension Scheme 1995) में योगदान करता है तो उसकी सेवा में दो साल और जुड़ जाते हैं। इस तरह 33 साल की सेवा पूरी हुई, लेकिन 35 साल के लिए EPS पेंशन की गणना की गई। ऐसे में उस कर्मचारी की पेंशन में 333 फीसदी का इजाफा हो जायेगा।
क्या है Employee Pension Scheme 1955 का पूरा मामला
कर्मचारी पेंशन योजना (Employee Pension Scheme ) संशोधन, 2014 को केंद्र सरकार द्वारा 1 सितंबर 2014 से एक अधिसूचना जारी कर लागू किया गया था। इसका निजी क्षेत्र के कर्मचारियों ने विरोध किया था और वर्ष 2018 में केरल उच्च न्यायालय में इसकी सुनवाई हुई थी। ये सभी कर्मचारी EPS ईपीएफ और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 की सुविधाओं से आच्छादित थे। कर्मचारियों ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation) के नियमों का विरोध करते हुए कहा कि यह उन्हें कम पेंशन सुनिश्चित करता है।
Employees’ Provident Fund Organisation
क्योंकि वेतन भले ही 15 हजार से ज्यादा हो लेकिन EPS पेंशन की गणना अधिकतम 15 हजार रुपये वेतन पर तय की गई है। हालांकि, केंद्र सरकार द्वारा 1 सितंबर 2014 को किए गए संशोधन से पहले यह राशि 6,500 रुपये थी। कर्मचारी पेंशन योजना ( Employee Pension Scheme 1995) के नियमों को अनुचित मानते हुए केरल उच्च न्यायालय ने कर्मचारियों की रिट स्वीकार करते हुए फैसला सुनाया था। इस पर EPFO ने सुप्रीम कोर्ट में एक SLP दाखिल की, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। अब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट से 4 नवंबर 2022 को अंतिम आदेश सुना दिया है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation) के सदस्यों को जल्द EPFO के आदेश की खुशखबरी मिल सकती ह।
1 Comments
Except for the English title and sub-titles, rest of the report is in Hindi, which many in the South don't understand. Why can't you provide an English version simultaneously?
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