झारखंड में गुरुवार से पुरानी पेंशन योजना लागू हो गई। राज्य मंत्रिमंडल ने इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया को मंजूरी दी। पुरानी पेंशन योजना एक अप्रैल 2004 को बंद कर दी गई थी और इसकी जगह पर राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) लागू कर दी गई थी। कैबिनेट सचिवालय विभाग में प्रधान सचिव वंदना दादेल ने कहा कि 15 जुलाई को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने और नई पेंशन योजना को बंद करने का फैसला लिया गया। उन्होंने कहा, 'इस संबंध में फैसला लिया गया कि योजना को पूरा करने के लिए एक एसओपी बनाया जाएगा। इस एसओपी को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। योजना को एक सितंबर से प्रभावी माना जाएगा।'
सैकड़ों सरकारी कर्मचारियों ने राज्य सचिवालय में जमा होकर पुरानी पेंशन योजना के लागू होने का जश्न मनाया। समारोह की तस्वीरें साझा करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट किया, 'एक और वादा पूरा हुआ।' पुरानी पेंशन योजना के तहत पेंशन की पूरी राशि सरकार देती है। एनपीएस में कर्मचारी अपने वेतन का 10 फीसदी पेंशन में योगदान करते हैं जबकि राज्य सरकार 14 फीसदी योगदान करती है। पुरानी पेंशन योजना के लागू होने से झारखंड सरकार के करीब डेढ़ लाख कर्मचारियों को फायदा होगा।
इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में कुल 25 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। इसमें एक अहम फैसला यह है कि सरकार झारखंड की सीमा के बाहर दूसरे राज्यों में वीवीआईपी और वीआईपी मूवमेंट के लिए एक महीने के लिए चार्टर्ड विमान किराये पर लेगी। इसपर दो करोड़ 6 लाख पचास रुपये खर्च होंगे। जाहिर है, राज्य में मौजूदा राजनीतिक हालात के मद्देनजर लगातार हवाई मूवमेंट के लिए यह निर्णय लिया गया है।
इसके अलावा कैबिनेट ने मुख्यमंत्री गंभीर बीमा उपचार योजना के तहत अनुदान को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने को मंजूरी दी। इससे पहले इस योजना के तहत कैंसर और किडनी प्रत्यारोपण सहित चार बीमारियों को लिस्टेड किया गया था। अब इसमें 17 गंभीर बीमारियों को कवर किया जाएगा।
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