देशभर के लाखों EPS-1995पेंशनर्स (Pensioners) और कर्मचारियों (Employees) के लिए महत्वपूर्ण अपडेट है। कर्मचारी पेंशन स्कीम 1995 (Employees Pension Scheme 1995) पर सरकार की तरफ से बड़ा बयान सामने आया है। राज्यसभा में कई सवालों का जवाब देते हुए राज्य सरकार ने पीएफ पेंशन (PF Pension), न्यूनतम पेंशन (Minimum pension) पर महत्त्वपूर्ण सूचना है।
राज्यसभा में न्यूनतम पेंशन पर विपक्ष ने सवाल किया, जिस पर जवाब देते हुए श्रम और रोजगार मंत्री रामेश्वर तेली ने कहा कि 30 लाख पात्र पेंशन भोगियों को पीएफ पेंशन के लिए हजार रुपए की न्यूनतम पेंशन उपलब्ध कराई जा रही है।
वहीं अब एक अन्य सवाल, (सरकार ने प्रत्येक 10 वर्ष में eps-95 योजना की समीक्षा संशोधन के लिए कदम उठाए हैं, यदि हां तो ब्योरा क्या है और यदि नहीं तो इसे पीछे कारण क्या है।) पर जवाब देते हुए रामेश्वर तेली ने कहा कि कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस), 1995 को कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान (ईपीएफ और एमपी) अधिनियम, 1952 की धारा 6 ए द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा तैयार किया गया है।
EPS-1995, 19.11.1995 को लागू हुआ। योजनाओं की समीक्षा और संशोधन एक सतत प्रक्रिया है। विशेषज्ञ समिति और उच्च अधिकार प्राप्त निगरानी समिति की सिफारिशों के साथ-साथ कर्मचारी पेंशन निधि के बीमांकिक मूल्यांकन को ध्यान में रखते हुए ईपीएस, 1995 के प्रावधानों की समय-समय पर समीक्षा की गई है। ईपीएस, 1995 में किए गए कुछ महत्वपूर्ण संशोधन इस प्रकार हैं:
प्रति माह 01.09.2014 से वेतन सीमा में 6500/- से बढाकर रु.15000/- रुपये से वृद्धि की गई है।
पेंशन की गणना के लिए पूर्व-निर्धारित फॉर्मूले के अनुसार जहां कहीं भी पेंशन 1000 रुपये से कम हो रही थी, वहां अतिरिक्त बजटीय सहायता प्रदान करके 01.09.2014 से ईपीएस, 1995 के तहत पेंशनभोगियों को 1000 प्रति माह रुपये की न्यूनतम पेंशन का प्रावधान किया गया है।
25.09.2008 को या उससे पहले ईपीएस, 1995 के पूर्ववर्ती पैरा 12ए के तहत पेंशन के कम्यूटेशन का लाभ लेने वाले सदस्यों के संबंध में, ऐसे कम्यूटेशन की तारीख से पंद्रह साल पूरे होने के बाद सामान्य पेंशन की बहाली अधिसूचना जी.एस.आर.132 (ई) दिनांक 20.02.2020 के सम्बन्ध में जारी की जाएगी।
वहीँ एक अन्य सवाल, (क्या उच्चतम न्यायालय ने सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को पेंशन का भुगतान न करने की जांच के लिए तीन सदस्यीय पीठ का गठन किया है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है) पर जवाब देते हुए मंत्री तेली ने कहा कि भारत संघ और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने माननीय केरल उच्च न्यायालय के दिनांक 12.10.2018 के फैसले को चुनौती दी है, जिसने ईपीएस-95 में 2014 के संशोधनों को माननीय में चुनौती दी है।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश दिनांक 24.08.2021 द्वारा विशेष अनुमति याचिका (सी) संख्या 8658- 2019 के 8659 और अन्य संबंधित मामलों में मामलों को कम से कम तीन न्यायाधीशों की पीठ को संदर्भित करने का निर्देश दिया। मामला अब भी विचाराधीन है।
इधर राज्यसभा में एक अन्य सवाल, क्या सरकार पीएफ पेंशन के व्यापक संशोधन पर काम कर रही है और यदि हां, तो निकट भविष्य में इसे लागू करने की योजना का ब्यौरा क्या है? का जवाब देते हुए मंत्री तेली ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 (2020 का 36वां ), 29.09.2020 को अधिसूचित किया गया था, जो ईपीएफ और एमपी अधिनियम, 1952 सहित 9 केंद्रीय श्रम कानूनों को शामिल करता है। नए कोड की धारा 15 में कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए पेंशन सहित विभिन्न योजनाओं को तैयार करने की परिकल्पना की गई है। हालांकि, संहिता अभी तक लागू नहीं हुई है।
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