सभी EPS 95 पेंशनधारकों को इस खबर के माध्यम से जानकारी देना चाहेंगे कि एक हायर पेंशन के मामले में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन को एक बड़ा झटका लगा है। उच्च पेंशन से जुड़ी एक याचिका पर मंगलवार को सुनवाई के दौरान जबलपुर हाईकोर्ट ने आदेश दिए कि उच्च पेंशन रोकने का निर्णय गलत है। जिन EPS 95 पेंशनधारकों की पेंशन रोकी गई है उन्हें फिर से यह देना शुरू किया जाए। उच्च न्यायालय ने यह आदेश सेवानिवृत्त कर्मचारी भविष्य निधि कल्याण समिति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
समिति के अध्यक्ष और चंद्रशेखर परसाई एवं 59 EPS 95 पेंशन भोगियों ने पिछले साल अगस्त में ईपीएफओ के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। चंद्रशेखर परसाई ने बताया कि सुनवाई के दौरान ईपीएफओ द्वारा सुप्रीम कोर्ट को बताया गया की केंद्र सरकार द्वारा एवं कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी दायर की है उसके आधार पर उच्च पेंशन रोकी जा सकती है।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 4 अक्टूबर 2016 को आर सी गुप्ता मामले में उच्च पेंशन देने का आदेश दिया गया है। इसी आधार पर ईपीएफओ ने 23 मार्च 2017 को उच्च पेंशन देने का आदेश जारी किया था। सर्वोच्च न्यायालय का फैसला और ईपीएफओ का आदेश यह दोनों यथावत है इसलिए पेंशन रोकी नहीं जा सकती है। EPFO द्वारा एसएलपी का हवाला दिया था जिसे अदालत ने मान्य नहीं किया है। और इपीएस 95 पेंशनधारकों के हक में एक बार फिर से फैसला देकर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन को कोर्ट द्वारा बड़ा झटका दिया है।
उच्च पेंशन के मामले में ईपीएफओ को यह तीसरा बड़ा झटका है ढाई महीने पहले बिलासपुर हाईकोर्ट और कुछ दिनों पहले जबलपुर हाईकोर्ट ने सितंबर 2014 से पहले रिटायर हुए कर्मचारियों को पेंशन देने का फैसला सुनाया था।
कोर्ट द्वारा यह जो फैसला eps-95 पेंशनधारकों के हक में दिया गया है तो इस फैसले की वजह से एक बार फिर से जिन eps-95 पेंशनधारकों द्वारा याचिका दाखिल की गई थी तो उनको पेंशन का जो लाभ है तो वह मिलना शुरू हो सकता है। हालांकि अभी यहां पर बताया नहीं गया है कि इस याचिका में कौन-कौन से eps-95 पेंशन धारक शामिल है कुल मिलाकर या पर 59 जो eps-95 पेंशन धारक है तो उनके बारे में बताया गया है। जो भी हो एक बार फिर से ईपीएफओ को बड़ा झटका इस आदेश से लगा है और eps-95 पेंशनधारकों को उच्च पेंशन का भुगतान करना अब अनिवार्य हो गया है।
फिर इस फैसले के बारे में EPS-95 पेंशनधारक अपनी राय देना चाहते हैं तो इसके नीचे जो कमेंट बॉक्स है तो वहां पर आपकी राय जरूर बताइए। साथी आपके क्षेत्र में क्या कोई ऐसा मामला कोर्ट द्वारा लिया गया है और उसके हाथ में क्या फैसला दिया गया है या फिर उसकी क्या सुनवाई हुई है तो वह भी हमें कमेंट में जरूर बताएं।
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