छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की ओर से 25 फरवरी 2022 को जारी उस आदेश को निरस्त कर दिया है। जिसमें सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बढ़ी हुई पेंशन नहीं देने का फैसला लिया गया था। हाईकोर्ट के जस्टिस पी.सेम कोशी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट से जब तक फैसला नहीं हो जाता, तब तक सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बढ़ी हुई पेंशन मिलता रहेगा।
पारिजात कॉलोनी नेहरू नगर निवासी प्रकाश भालचंद्रा केशर ने अधिवक्ता नीरज चौबे के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें बताया कि वह छत्तीसगढ़ स्टेट बीज एवं कृषि विकास निगम से सेवानिवृत्त हुए हैं। इसके बाद उन्हें कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की तरफ से पेंशन दिया जा रहा था। याचिका में बताया गया है कि वर्ष 2018 में EPFO ने उनसे बढ़ी हुई पेंशन राशि के लिए एक निश्चित राशि जमा कराया था। इसके बाद बढ़ी हुई राशि पेंशन के रूप में देना शुरू कर दिया। यह पेंशन कई लोगों को मिल रही थी, जबकि ऐसे ही सेवानिवृत्त हुए कई लोगों को पेंशन नहीं मिल रही थी। लिहाजा, मामला कोर्ट तक पहुंच गया।
इधर, EPFO ने 25 फरवरी 2022 को यह कहते हुए बढ़ी हुई पेंशन को रोक दिया कि मामला अभी कोर्ट में है। इसलिए फैसला आने तक बढ़ी हुई पेंशन नहीं दी जा सकती। याचिका में EPFO के इस आदेश को चुनौती दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट में लंबित है याचिका
दरअसल कई राज्यों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। केरल हाईकोर्ट ने EPFO को आदेश दिया कि सभी को एक समान पेंशन दिया जाए। इस फैसले को EPFO ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी है। याचिका पर अभी सुनवाई लंबित है।
हाईकोर्ट ने कहा- सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक पेंशन दे EPFO
याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने EPFO के पक्ष में स्टे नहीं दिया है। फिर भी मनमाने तरीके से पेंशन नहीं देने का आदेश जारी कर दिया गया है। याचिका में कहा गया है कि सहकारी बैंक, दुग्ध निगम, बीज निगम के सैकड़ों कर्मचारियों के पेंशन राशि को रोक दिया गया है। जबकि इसके लिए उनसे राशि जमा कराई गई है। मामले को सुनने के बाद हाईकोर्ट के जस्टिस पी.सेम कोशी की सिंगल बेंच ने EPFO के आदेश को निरस्त कर दिया है। साथ ही कहा है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट से फैसला नहीं हो जाता, तब तक EPFO पेंशन देता रहेगा।
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