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EPS 95 Pension Scheme: EPS 95 पेंशन के तहत कर्मचारियों के पैसो को हड़प रहीं 400 कंपनियों के खिलाफ EPFO ने कसा शिकंजा

EPFO News Today: कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते में अंशदान जमा न करने वाले सरकारी और निजी संस्थानों पर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। डिफाल्टर संस्थानों में सरकारी एवं निजी क्षेत्र के संस्थान सूचीबद्ध हैं। इनमें सर्वाधिक संख्या सरकारी संस्थानों की है, जो ईपीएफओ खाते में राशि जमा नहीं कर रहे हैं। ऐसे डिफाल्टर संस्थानों को ईपीएफओ को इस मद में लगभग सात करोड़ रुपये देने हैं। डिफाल्टर संस्थानों के खिलाफ ईपीएफओ द्वारा कार्रवाई शुरू कर दी गई है।


ऐसे कई डिफाल्टर संस्थानों को चिह्नित कर ईपीएफओ अधिनियम 1952 के प्रविधानों के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसके अंतर्गत डिफाल्टर्स के बैंक खातों को अटैच करने के अलावा गिरफ्तारी वारंट जारी करवाने आदि की चेतावनी दी जा रही है।

ईपीएफओ कार्यालय के पदाधिकारियों का कहना है कि इस चेतावनी का असर सामने आने लगा है। कई कंपनियों से रिकवरी भी हो रही है। इन कंपनियों में गुमला नगरपालिका परिषद, म्यूनिसिपल कारपोरेशन मेदिनीनगर, बिहार स्टेट फूड सिविल सप्लाइज कारपोरेशन, गुमला सहित अन्य संस्थाएं हैं।


डिफाल्टर चिह्नित, शुरू हुई कार्रवाई

रांची क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा बताया गया है कि ऐसे 400 सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों को चिह्नित किया गया है। इन नियोक्ताओं ने न अपना और न ही अपने कर्मचारियों का अंशदान ईपीएफओ कार्यालय में जमा कराया गया है। ईपीएफओ ने ऐसे संस्थानों को नोटिस जारी कर कार्रवाई की चेतावनी दी है। विभाग द्वारा ऐसे डिफाल्टर संस्थानों के बैंक खातों को भी अटैच किया गया है। कई मामलों में देखा गया है कि ईपीएफओ के रिकार्ड में जिस बैंक खाते को जोड़ा गया था, उसे डिफाल्टर संस्थानों ने बंद करा दिया है।


 


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