होली से पहले केन्द्र की मोदी सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के करोड़ो कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी दे सकती है। इसके तहत कर्मचारियों की ब्याज दरों और पेंशन में इजाफा किया जा सकता है।इसके लिए EPFO की निर्णय लेने वाली शीर्ष निकाय सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) ने 11-12 मार्च को असम की राजधानी गुवाहाटी में एक बड़ी बैठक बुलाई है, जिसमें EPFO फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के लिए पीएफ पर ब्याज दर (Interest Rate on EPF) पर फैसला हो सकता है।
कई खबरों के मुताबिक, मार्च 2022 में EPFO की निर्णय लेने वाली संस्था CBT वित्त वर्ष 2021-22 के लिए ब्याज दर (Employee Provident Fund Interest Rate) पर फैसला ले सकती है। EPFO ने वित्त वर्ष 2020-21 में अपने सब्सक्राइबर्स को 8.5 फीसदी का ब्याज दिया था । सैलरीड क्लास की निगाहें अगले महीने होने वाली बैठक पर लगी हुई हैं, जिसमें चालू वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर का ऐलान होना है। वही पेंशन की न्यूनतम राशि बढ़ाने को लेकर भी चर्चा हो सकती है।
दरअसल, बीते साल मार्च 2021 में श्रीनगर में हुई बैठक में CBT ने 2020-21 के लिए सदस्यों के खातों में ईपीएफ जमा राशि पर 8.5 फीसदी वार्षिक ब्याज दर देने की सिफारिश की थी, जिसके बाद वित्त मंत्रालय ने भी प्रस्ताव पर मुहर लगा दी थी। इसके बाद EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की बीते साल नवंबर में बैठक हुई, लेकिन EPS बढ़ाने पर कोई फैसला नहीं हो पाया था।लेकिन अब 11-12 मार्च को होने वाली इस बैठक में अंतिम फैसला हो सकता है।
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इधर, हाल ही में केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी जानकारी दी थी कि ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक मार्च में गुवाहाटी में होगी, जिसमें 2021-22 के लिए ब्याज दरें तय करने का प्रस्ताव रखा जाएगा । यह फैसला अगले वित्त वर्ष के लिए आमदनी के अनुमान के आधार पर किया जाएगा। केंद्रीय श्रम मंत्री के मुताबिक इस अहम बैठक में ब्याज दरों के निर्णय का प्रस्ताव भी लिस्टेड है। अब सबकी निगाहें मार्च में ईपीएफओ और सीबीटी की होने पर बैठक पर टिकी है ।कर्मचारियों को उम्मीद है कि मोदी सरकार इस बार ब्याज दर को 8.5 परसेंट से बढ़ा सकती है।
अबतक की ब्याज दरें
साल 2011-12 में पीएफ की दर 8.25 फीसदी रही, 2013-14 में ईपीएफओ पीएफ जमा पर 8.75 फीसदी ब्याज देता था। 2012-13 में पीएफ की ब्याज दर 8.5 फीसदी पर पहुंच गई। 2018-19 में पीएफ की ब्याज दर 8.65 फीसदी। साल 2016-17 में 8.65 फीसदी की दर। साल 2017-18 में यह दर 8.55 फीसदी थी । 2019-20 के लिए ब्याज दर 8.5 फीसदी तय की गई जो पिछले 7 साल में सबसे कम है अभी पीएफ में जमा पैसे पर 8.5 फीसदी की दर से ब्याज दिया जा रहा है।
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