कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने कर्मचारियों को भविष्य निधि (PF), पेंशन और बीमा जैसे सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करने के लिए एयर इंडिया लिमिटेड को शामिल किया है। इसने दिसंबर 2021 के लिए लगभग 7,453 कर्मचारियों के लिए योगदान प्राप्त किया है। यह कदम एयर इंडिया लिमिटेड के समग्र निजीकरण का एक हिस्सा है, क्योंकि इसके कर्मचारी अब 1 दिसंबर, 2021 से कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम 1952 के दायरे में आ गए हैं।
गजट अधिसूचना के अनुसार, नियोक्ता और अधिकांश कर्मचारी EPFO के प्रावधानों को अपनाने के लिए सहमत भी हो गए हैं। इस शिफ्ट से पहले, एयर इंडिया के कर्मचारी भविष्य निधि में योगदान दे रहे थे और धन को लगभग ₹ 4,500 करोड़ के कुल निवेश के साथ दो फंडों AIEPF (एयर इंडिया कर्मचारी भविष्य निधि) और IAEPF (इंडियन एयरलाइंस कर्मचारी भविष्य निधि) में स्थानांतरित कर दिया गया जाता था। इन दोनों निधियों को भविष्य निधि अधिनियम 1925 के तहत मान्यता दी गई थी।
इस गजट नोटिफिकेशन के साथ एयरलाइन ने कर्मचारियों को पुराने पीएफ से नए सिस्टम में शिफ्ट करने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। PF अधिनियम, 1925 के तहत, भविष्य निधि का लाभ उपलब्ध था लेकिन कोई वैधानिक पेंशन या बीमा योजना नहीं थी। कर्मचारी स्वयं अंशदायी वार्षिकी आधारित पेंशन योजना में भाग लेते थे।
अब इन कर्मचारियों को ₹1,000 प्रति माह की गारंटी न्यूनतम पेंशन और कर्मचारी की मृत्यु के मामले में परिवार और आश्रितों को पेंशन उपलब्ध होगी। साथ ही सदस्य की मृत्यु के मामले में एक सुनिश्चित बीमा लाभ न्यूनतम ₹ 2.50 लाख और अधिकतम 7 लाख की सीमा में उपलब्ध होगा। इस लाभ के लिए ईपीएफओ कवर कर्मचारियों से कोई प्रीमियम नहीं लिया जाता है।
कर्ज में डूबी इस एयरलाइन को टाटा समूह ने सरकार से अपने हाथ में ले लिया है। रिटायरमेंट फंड बॉडी ने कहा कि एयर इंडिया ने ईपीएफओ कवरेज के लिए आवेदन किया था, जिसे अनुमति दे दी गई है।
"ईपीएफओ ने अपने कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए सामाजिक सुरक्षा कवरेज के लिए एयर इंडिया को ऑनबोर्ड किया। एयर इंडिया लिमिटेड ने स्वेच्छा से ईपीएफ और एमपी अधिनियम, 1952 की धारा 1(4) के लिए आवेदन किया, जिसे से 1 दिसंबर, 2021 से अनुमति दी गई है" श्रम मंत्रालय ने शनिवार को जारी एक बयान में जानकारी दी है।
एयर इंडिया के ये कर्मचारी अब लाभों के हकदार होंगे जैसे कि उन्हें अपने भविष्य निधि (पीएफ) खातों में उनके वेतन के 12 प्रतिशत पर अतिरिक्त 2 प्रतिशत नियोक्ता का योगदान प्राप्त होगा। पहले वे 1925 के पीएफ अधिनियम के तहत आते थे, जहां पीएफ में योगदान नियोक्ता द्वारा 10 प्रतिशत और कर्मचारी द्वारा 10 प्रतिशत था। ईपीएफ योजना 1952, ईपीएस 1995 (कर्मचारी पेंशन योजना) और ईडीएलआई 1976 (समूह बीमा) अब कर्मचारियों पर लागू होंगे।
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