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EPS 95 Minimum Pension 7500 Hike News: EPS-95 पेंशनधारकों ने की पेंशन राशि 7500 बढ़ाने की मांग, 19 दिसंबर को होगा लखनऊ में होगा राष्ट्रिय महा आंदोलन

देशभर के EPS-95 पेंशनधारकों ने केंद्र सरकार से पेंशन की राशि बढ़ाकर 7500 तक प्रतिमाह किए जाने और साथ ही महंगाई भत्ता शामिल करने की मांग की है। EPS 95 पेंशनधारकों के संगठन EPS-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति ने इस सिलसिले में माननीय प्रधानमंत्री को संबोधित पत्र मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ को भेजा है। इस बीच पेंशनरों ने शनिवार को बैठक कर पेंशन बढ़ाए जाने पर रोष भी प्रकट किया।

समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय कमांडर अशोक जी रावत ने इस बैठक में कहा कि पेंशन बढ़ाने के लिए कई बार प्रधानमंत्री जी को पत्र भेजकर अनुरोध किया जा चुका है, इसके बाद भी इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में कार्य कर सेवानिवृत्त हो चुके वृद्ध पेंशनधारकों को न्यूनतम करीब ₹1000 प्रति माह पेंशन दी जा रही है इसके उनका जीवन यापन होना तो दूर महीने का दवा का भी खर्च पूरा नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि पेंशन को बढ़ाने के लिए कई समितियां बन चुकी है।


कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की ईपीएस-95 योजना के तहत न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपए मासिक किये जाने समेत अन्य मांगों को लेकर पेंशनभोगियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। कर्मचारी पेंशन योजना EPS-95 के अंतर्गत पेंशनभोगियों के लिये पेंशन बढ़ाने और अन्य मांगों को लेकर आंदोलन चला रही राष्ट्रीय संघर्ष समिति (एनएसी) के अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत ने शनिवार को यह जानकारी दी। पदाधिकारियों से मुलाकात में खुद प्रधानमंत्री ने श्रम मंत्रालय से समस्या दूर कराने का आश्वासन दिया था, पर उस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। समिति के राष्ट्रीय महासचिव वीरेंद्र सिंह राजावत जी ने भी कहा कि 19 दिसंबर को अधिवेशन होगा इसमें आंदोलन की अगली रणनीति तय की जाएगी।


उन्होंने कहा, ‘‘हमने महंगाई भत्ते के साथ न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपए मासिक करने, वास्तविक वेतन पर उच्च पेंशन के विकल्प की सुविधा, चिकित्सा सुविधा और गैर-ईपीएस सेवानिवृत्त कर्मचारियों का योजना में समावेश कर 5,000 रुपए मासिक पेंशन किये जाने की मांग रखी है।’’

उल्लेखनीय है कि कर्मचारी पेंशन योजना-95 के तहत आने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन का 12 प्रतिशत हिस्सा भविष्य निधि में जाता है। वहीं नियोक्ता के 12 प्रतिशत हिस्से में से 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना में जाता है। इसके लिये 15,000 रुपए मासिक वेतन की सीमा नियत है। इसके अलावा पेंशन कोष में सरकार भी 1.16 प्रतिशत का योगदान करती है।




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