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Pension News Today: कर्मचारियों ने मंगलवार को सरकार की पेंशन विरोधी नीतियों के खिलाफ निकला मार्च

पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर शिक्षकों और कर्मचारियों ने मंगलवार को मोटरसाइकिल रैली निकालकर एकजुटता और ताकत दिखाई। वाहनों का लंबा काफिला जिधर से भी गुजरा, जाम लग गया। कलक्ट्रेट में धरना-प्रदर्शन के बाद कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। कर्मचारियों ने 28 अक्तूबर को कलक्ट्रेट परिसर में ही धरने की घोषणा की है।

कर्मचारी शिक्षक अधिकारी पेंशनर्स अधिकार मंच की ओर से पुरानी पेंशन समेत 11 सूत्रीय मांग को लेकर सतत आंदोलन की घोषणा की गई है। इसी क्रम में पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार मोटरसाइकिल रैली में शामिल होने के लिए शिक्षक, कर्मचारी, पेंशनर्स गवर्नमेंट प्रेस पर एकत्रित हुए।


दावा है कि इसमें 92 यूनियनों के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी, पेंशनर्स शामिल हुए। रैली में कर्मचारियों की भागीदारी का अनुमान इससे ही लगाया जा सकता है कि गवर्नमेंट प्रेस से एजी ऑफिस गेट तक पूरे मार्ग पर वाहनों का काफिला था।

अलग-अलग यूनियन, विभाग एवं कार्यालय के नेताओं ने अपनी-अपनी टीम का नेतृत्व किया। रैली पत्थर गिरजाघर, सुभाष चौराहा, मेडिकल चौराहा, बालसन चौराहा, आनंद भवन, विश्वविद्यालय, कमिश्नरी, लक्ष्मी टॉकीज, विकास भवन, जिला पंचायत होते हुए कलक्ट्रेट पहुंची। वहां धरना-प्रदर्शन के बाद कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा।


एमएलसी सुरेश त्रिपाठी ने रैली को हरी झंडी दिखाई। अध्यक्ष देवेंद्र श्रीवास्तव, संयोजक अजय भारती, मनोज शर्मा, अनुज कुमार पांडेय, बीके पांडेय, विनोद दुबे ,विनोद कुमार पांडेय, राजेश्वर शुक्ला, राग विराग त्रिपाठी, राजेंद्र त्रिपाठी, लेखपाल संघ राजकुमार सागर आदि ने रैली की अगुवाई की। कर्मचारी नेताओं ने पुरानी पेंशन के लिए लंबे आंदोलन की बात कही। उनका कहना था कि एनपीएस लागू होने के बाद से ही वे उसका विरोध कर रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।


कर्मचारियों ने मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने की घोषणा की। साथ ही इसी तरह की एकता दिखाने की अपील की। कलक्ट्रेट में आयोजित सभा में कर्मचारी नेताओं का कहना था कि मांग पूरी नहीं हुई तो 28 अक्तूबर को कलक्ट्रेट परिसर में धरन दिया जाएगा। रैली में अवनीश पांडेय, शिवशंकर सिंह, सतीश कुमार सिंह, अमरनाथ, अल्प नारायण सिंह, शिवबहादुर सिंह समेत बड़ी संख्या में शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी, पेंशनर्स शामिल रहे।




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