पटना हाईकोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में EPFO (एंप्लाइज प्रोविडेंट फंड) अधिकारियों द्वारा मनमाने ढंग से निजी सुरक्षा एजेंसियों के बैंक खातों को फ्रीज कर पैसों की वसूली के मामले में 72 घंटे के अंदर बैंक खाते शुरू करने और पैसे लौटाने का सख्त निर्देश दिया है। न्यायाधीश मोहित कुमार शाह की एकलपीठ ने मेसर्स मार्स डायल प्राइवेट लिमिटेड एवं मेसर्स मार्स माउंटेन सिक्यूरिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया।
पूरे प्रकरण में 17 निजी सुरक्षा एजेंसियों की एक करोड़ 30 लाख रुपये हेराफेरी पर अदालत ने सख्त चेतावनी दी है। पटना क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए 72 घंटे के अंदर फ्रीज खातों में पैसे लौटाने की सख्त हिदायत दी है। अदालत ने दो टूक कहा कि नहीं तो अधिकारियों के वेतन भुगतान पर रोक लगाने के साथ ही बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, असिस्टेंट कमिश्नर (EPFO) ने एक स्पेशल आडिट रिपोर्ट के आधार पर सुरक्षा एजेंसियों को नोटिस जारी कर कहा था कि कर्मचारियों के खातों की ईपीएफ राशि डाइवर्ट होकर किसी एक बैंक खाते में भेजी जा रही है। याचिकाकर्ता एजेंसियों के अधिवक्ता ने बताया कि ईपीएफओ द्वारा निजी कंपनी को सबूत के तौर पर कोई भी स्पष्टीकरण नहीं भेजा गया था। बाद में ईपीएफओ ने एजेंसियों के बैंक खातों को मनमाने ढंग से फ्रीज कर राशि जब्त कर ली। यही नहीं, एजेंसियों के समझ सबूत के तौर पर कुछ भी नहीं लाया गया।
एजेंसियों को पक्ष रखने का मौका तक नहीं दिया गया। सुनवाई में यह भी बात सामने आई कि मामले की सीबीआइ जांच भी चल रही है। इस पर एकलपीठ ने ईपीएफओ अधिकारियों को 72 घंटे के अंदर निजी सुरक्षा कंपनियों के सभी बैंक खातों को शुरू कर जब्त की गई राशि लौटाने का निर्देश दिया है। साथ ही कोर्ट ने दो कहा है कि ऐसा न करने पर ईपीएफओ के संबंधित अधिकारी के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी जाएगी।
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