उत्तर प्रदेश सरकार ने छठे वेतनमान से जुड़े करीब पांच लाख पेंशनधारको को बड़ा तोहफा दिया है। अब इन्हें सातवें वेतन आयोग के अनुसार पेंशन दी जाएगी। बढ़ोतरी का इससे इनकी पेंशन में अच्छी-खासी बढ़ोतरी हो जाएगी। इसका आदेश भी सोमवार को जारी कर दिया गया। इस श्रेणी के अधिकांश पेंशनर निगमों से हैं, जहां पर सातवें वेतन आयोग को लागू नहीं किया गया है।अपर मुख्य सचिव वित्त एस. राधा चौहान द्वारा जारी शासनादेश के मुताबिक छह मार्च 2017 में उल्लिखित श्रेणी के पेंशनरों की अनंतिम पेंशन का पुनरीक्षण शासनादेश 12 फरवरी 2018 के अनुसार स्वीकृत किए जाने की मंजूरी दी गई है।
इन आदेशों तथा छह मार्च 2017 के शासनादेश के अनुसार पुनरीक्षित किए जाने पर वह धनराशि जो अधिक होगी, वह पेंशन देय होगी। विभागों को पुनरीक्षण का काम तीन माह के अंदर पूरा करना होगा। केंद्र सरकार अपने रिटायर्ड कर्मचारियों को पहले ही सातवें वेतन आायोग के अनुसार पेंशन देने का आदेश जारी कर चुकी है। भारत सरकार ने यह व्यवस्था की है कि जनवरी 2016 से पूर्व के पेंशनरों को अंतिम आहरित वेतन का पुनरीक्षण 23 दिसंबर 2016 के शासनादेश और 18 जुलाई 2017 के प्रावधानों के अधीन पेंशन का पुनरीक्षण किया जाए। पेंशन के रूप में वह धनराशि अनुमन्य होगी जो अधिक हो।
वित्त विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक छठे वेतन आयोग से संबंधित पेंशनरों को भी अनंतिम पेंशन पुनरीक्षण के बाद अब सातवें वेतन आयोग से जुड़े पेंशनरों के बराबर पेंशन मिलने लगेगी। संयुक्त पेंशनर्स कल्याण समिति के संयोजक एनपी त्रिपाठी ने बताया है कि इसका लाभ करीब पांच लाख पेशनरों को मिलेगा। राज्य में लगभग 12 लाख पेंशनर हैं।
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