सरकार जल्द ही एम्प्लॉई पेंशन स्कीम (EPS 95) के तहत मिलने वाली न्यूनतम पेंशन राशि पर फैसला ले सकती है। इस संदर्भ में आज कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) बोर्ड की बैठक होनी है। दरअसल लंबे समय से न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग हो रही है। मौजूदा समय में ईपीएफओ ने न्यूनतम पेंशन की 1000 रुपये तय की हुई है।
पेंशन राशि बढ़ाने की मांग: इससे पहले मार्च में संसद की स्टैंडिंग कमिटी ने मिनिमम पेंशन की राशि को 1000 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये तक करने की सिफारिश की थी। वहीं पेंशनर्स ने मांग की है कि पेंशन की राशि बहुत कम है, इसे बढ़ाकर कम से कम 9000 रुपये किया जाना चाहिए। तभी सही मायने में कर्मचारी पेंशन योजना (EPS-95) पेंशनधारकों को फायदा होगा।
आखिरी सैलरी के अनुसार पेंशन तय करने की मांग: ईपीएफओ बोर्ड मेंबर और भारतीय मजदूर संघ की मांग के अनुसार, कर्मचारी के रिटायरमेंट से ठीक पहले की आखिरी सैलरी के मुताबिक ही पेंशन की राशि तय होनी चाहिए। मालूम हो कि मौजूदा समय में अंतिम पांच साल के वेतन का औसत देखा जाता है और इसके आधार पर पेंशन तय होती है। हालांकि श्रम मंत्रालय ऐसा करने में अपनी असमर्थता जता चुका है।
मालूम हो कि साल 1995 में कर्मचारी पेंशन स्कीम (EPS) की शुरुआत हुई थी। इसके तहत संगठित क्षेत्र में काम करने वाले 58 साल की उम्र वाले लोगों को पेंशन मिलती है। योजना का लाभ उठाने के लिए कर्मचारी के लिए कम से कम 10 साल की नौकरी करना जरूरी है। कर्मचारी अपने वेतन का 12 फीसदी योगदान ईपीएफ में देता है। इतनी ही राशि नियोक्ता द्वारा भी दी जाती है। लेकिन, नियोक्ता के योगदान में एक हिस्सा ईपीएस में जमा किया जाता है। इस खाते में वेतन का 8.33 फीसदी योगदान होता है। इसकी सबसे खास बात यह है कि कर्मचारी की मौत होने पर उसका परिवार पेंशन पाने का हकदार होता है।
1 Comments
I am a retired private company person aged 72 years.
ReplyDeleteI am getting a pension of rs 1650.00
It is very difficult to survive on this amount rs 1650.00
I am retired 1n 2008.00,for the past 14 years slogging and struggling
To pass each day.
Only hearing about pension increase,but that is not at all happening.
It happens only to people worked in banks,govt ,food corporation ,and related govt organisation's but not private Co.pany people.
Our u ions have cheated us,let us not believe,private company unions,or trade unions of any party.
They company owoners bribe them with hefty money and these trade unions cheat us.
This is the real story.
No govt listen to you
Regards
Mlv prasad.