प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वालों के लिए Provident fund एक बढ़िया सेविंग स्कीम है। टैक्स छूट के अलावा बढ़िया रिटर्न और सेवानिवृत्ति (Retirement) के लिए बड़ा कॉरपस इसके फायदों से जुड़े हैं। इसे रिटायरमेंट फंड (Retirement fund) इसलिए कहा जाता है कि नौकरी के दौरान कर्मचारी की सैलरी से कुछ हिस्सा कटकर प्रोविडेंट फंड में जमा होता है और कुछ हिस्सा पेंशन फंड (Employee Pension Scheme) में जमा होता है। कर्मचारियों को 58 की उम्र में PF पूरी रकम एकमुश्त मिलती है। लेकिन, पेंशन की रकम मंथली बेसिस पर तय की जाती है। EPS पेंशन तय करने का एक फॉर्मूला होता है।
EPF की तरह EPS 95 भी कर्मचारी की सैलरी का हिस्सा है। EPS में हर महीने पेंशन के तौर पर न्यूनतम 1,000 रुपए से लेकर 7,500 रुपए तक मिलते हैं। हालांकि, ज्यादातर लोगों को यह मालूम नहीं होता कि आखिर एंप्लॉई पेंशन स्कीम का कैलकुलेशन कैसे किया जाता है।
EPS 95 पेंशन गणना का फॉर्मूला
PF खाते में कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12 फीसदी जमा होता है। नियोक्ता का योगदान भी इतना ही होता है। लेकिन, नियोक्ता कें अंशदान में से एक हिस्सा EPS 95 यानि पेंशन फंड में जमा होता है। EPS 95 में बेसिक सैलरी का 8.33% योगदान होता है। हालांकि, पेंशन योग्य सैलरी की अधिकतम सीमा 15 हजार रुपए है। ऐसे में पेंशन फंड में हर महीने अधिकतम 1250 रुपए ही जमा सकता है।
EPS 95 पेंशन योजना से 7500 रुपए तक मिलती है पेंशन
मौजूदा नियमों के मुताबिक, अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 15,000 रुपए या उससे ज्यादा है तो पेंशन फंड में हर महीने 1250 रुपए जमा होंगे। अगर बेसिक सैलरी 10 हजार रुपए है तो योगदान 833 रुपए ही होगा। कर्मचारी के रिटायरमेंट पर पेंशन की गणना भी अधिकतम वेतन 15 हजार रुपए (EPS Upper limit) ही मानी जाती है। ऐसे में सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारी EPS नियमो के तहत सिर्फ 7,500 रुपए बतौर पेंशन मिल सकते हैं।
कैसे होती है EPS 95 पेंशन की गणना?
EPS कैलकुलेशन का फॉर्मूला=
मासिक पेंशन = (पेंशन योग्य सैलरी x EPS खाते में जितने साल अंशदान रहा)/70।
अगर किसी की मासिक सैलरी (आखिरी 5 साल की सैलरी का औसत) 15 हजार रुपए है और नौकरी की अवधि 35 साल है तो उसे सिर्फ हर महीने 7500 रुपए की ही पेंशन मिलेगी।
सर्विस हिस्ट्री के दौरान एंप्लॉई पेंशन स्कीम (Employee Pension scheme) के तहत जमा होने वाली पूरी राशि सरकार के पास जमा होती है। इसका फायदा रिटायरमेंट पर मिलता है।
लिमिट हटी तो कितनी मिलेगी पेंशन?
अगर 15 हजार की लिमिट (EPS Upper limit) हटती है और आपकी सैलरी 30 हजार है तो आपको फॉर्मूले के हिसाब से जो पेंशन मिलेगी वो ये होगी। (30,000X30)/70 = 12,857 रुपए
EPS 95 पेंशन के लिए EPFO की क्या हैं शर्तें
EPS के लिए EPFO की तरफ से कुछ शर्तें तय की गई हैं। पहला पेंशन के लिए EPF सदस्य होना जरूरी है। कम से कम रेगुलर 10 साल तक नौकरी में रहना भी अनिवार्य है। तभी पेंशन के हकदार होंगे। 58 की उम्र के होने पर मिलती है पेंशन। हालांकि, 50 की उम्र के बाद और 58 की उम्र से पहले भी पेंशन लेने का विकल्प होता है। पहले पेंशन लेने पर घटी हुई पेंशन मिलेगी। इसके लिए फॉर्म 10D भरना होगा। कर्मचारी की मौत होने पर परिवार को पेंशन मिलती है। सर्विस हिस्ट्री 10 साल से कम है तो उन्हें 58 साल की आयु में पेंशन अमाउंट निकालने का ऑप्शन मिलेगा।
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Bogus news.
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