EPS 95 के पेंशनधारकों को भविष्य निधि (EPF) पेंशन कितनी मिलेगी, यह जानने के लिए उन्हें अब और इंतजार करना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ ने 24 अगस्त २०२१ मंगलवार को इससे जुड़े मामले को 3 जजों की बड़ी पीठ के पास भेज दिया है। यह मामला उच्च वेतन के अनुपात में उच्च EPS 95 पेंशन से संबंधित है।
गत 31 जनवरी को शीर्ष अदालत ने वर्ष 2019 के अपने उस फैसले को वापस लेते हुए पुनर्विचार करने का लिया था जिसके तहत अधिकतम पेंशन योग्य वेतन प्रतिमाह 15000 रुपये की सीमा को खत्म कर अधिक पेंशन देने का रास्ता खुल गया था। साल 2018 के केरल हाईकोर्ट के फैसले पर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगाई थी।
लेकिन, गत फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने अपने 2019 के आदेश पर परोक्ष रूप से रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने केरल, दिल्ली और राजस्थान हाईकोर्ट में केंद्र सरकार और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के खिलाफ 2019 के आदेश का पालन नहीं करने के कारण चल रही अवमानना की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।
जस्टिस यू यू ललित और अजय रस्तोगी की पीठ में मंगलवार को इस मामले को तीन सदस्यीय पीठ के पास भेजने का निर्णय लिया है। वास्तव में श्रम मंत्रालय और ईपीएफओ की ओर से केरल हाईकोर्ट के आदेश का विरोध करने का ये कारण है कि इससे पेंशन 50% तक बढ़ सकती है।
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