कमलनाथ सरकार में गैस पीड़ित विधवाओं (Bhopal Gas Tragedy Victims Widows) को मिलने वाली एक हजार रुपये मासिक पेंशन अब फिर से मिलेगी. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) अध्यक्षता में संपन्न हुई मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में वित्त विभाग की आपत्ति के बाद भी इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है. कैबिनेट की बैठक के बाद प्रदेश सरकार के प्रवक्ता डॉ. नरोत्तम मिश्रा (Dr. Narottam Mishra) ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में भोपाल की 4500 गैस पीड़ित विधवाओं को मिलने वाली एक हजार रुपये पेंशन फिर से शुरू कर दी गई है. यह पेंशन सामाजिक सुरक्षा पेंशन के अतिरिक्त मिलेगी.
बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के कार्यकाल में एक हजार रुपये गैस पीड़ित विधवाओं को पेंशन मिलती थी, लेकिन प्रदेश में कमलनाथ की सरकार बनने के बाद दिसंबर 2019 में इस पेंशन की मंजूरी की अवधि समाप्त होने के बाद पेंशन बंद हो गई. कांग्रेस सरकार ने पेंशन योजना को आगे बढ़ाने के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया.
शिवराज ने निभाया अपना वादा
मध्य प्रदेश के चौथी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद दिसंबर 2020 में गैस कांड की बरसी पर शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ित विधवाओं को फिर से पेंशन देने का ऐलान किया था. आज कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है. हालांकि वित्त विभाग ने कोरोना संकटकाल में आर्थिक स्थिति का हवाला देकर इस प्रस्ताव पर आपत्ति जताई थी. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री व प्रदेश सरकार के प्रवक्ता डॉ. मिश्रा ने कहा कि वित्त विभाग की आपत्ति के बावजूद मुख्यमंत्री की पहल पर कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी है.
कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी देते हुए डॉ. मिश्रा ने बताया कि गौण खनिज नियमों में संशोधन करते हुए अब निजी और सरकारी जमीनों से खनिज परिवहन करने पर अब केवल सिंगल रॉयल्टी ही लगेगी, अभी तक डबल रॉयल्टी देनी होती थी. वहीं, हुडको द्वारा वित्त विकास निगम को दिए गए 200 करोड़ के ऋण की गारंटी अवधि 6 माह बढ़ाने का निर्णय भी कैबिनेट ने लिया. साथ ही इंदौर प्रेस कॉम्प्लेक्स में जिन समाचार-पत्रों को इंदौर विकास प्राधिकरण ने भूमि आवंटित की थी, उनमें जो समाचार-पत्र आज भी संचालित हो रहे हैं, उनकी भूमि को 2007 की दर पर ही लीज रिन्यू करने का निर्णय भी कैबिनेट में लिया गया है.
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