सीनियर सिटीजंस के हितों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार मानसून सत्र में मेंटनेंस और वेलफेयर ऑफ पेरेंट्स और सीनियर सिटिजन (अमेंडमेंट) बिल 2019 को पास कर कर सकती है। इस बिल में केंद्र सरकार ने सीनियर सिटीजंस के हित के लिए बनाए गए नियमों में बदलाव किया है। बिल में बुजुर्ग माता पिता एवं सीनियर सिटीजंस के हितों को और ज्यादा मजबूत किया गया है।
आपको बता दें कि मॉनसून सेशन की शुरूआत सोमवार से हो चुकी है। जिसमें वेलफेयर ऑफ पेरेंट्स और सीनियर सिटिजन (अमेंडमेंट) बिल 2019 फैसला लिए जाने की चर्चा है। वास्तव में सरकार के एजेंडे में यह बिल काफी समय से है। ऐसे में सरकार सेशन के शुरूआत दिनों में इस पर चर्चा करना चाहती है। आइए आपको भी बताते हैं इस बिल के बारे में।
करीब दो साल पहले यानी कोरोना शुरू होने से चार महीने पहले वेलफेयर ऑफ पेरेंट्स और सीनियर सिटिजन बिल को कैबिनेट में पास कर दिया गया था। इस बिल उद्देश्य काफी साफ है कि माता पिता एवं सीनियर सिटीजंस को वृद्धाश्रम में डालने से रोकना। इस बिल में सीनियर सिटीजंस की जरुरतों सुरक्षा को सुनिश्चित करने के अलावा उनके खाने-पीने और और रहने के साथ कल्याण का प्रावधान है। कोरोना की परिस्थितियों को देखते हुए मौजूदा सत्र में इस बिल की महत्वता और ज्यादा बढ़ गई है।
इस बिल के पास होने पर सीनियर सिटीजंस एवं बुजुर्ग माता पिता को महीने में दस हजार रुपए देने होंगे। सरकार की ओर से यह रकम स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग और पेरेंट्स की इनकम को देखते हुए तय की है। वहीं मेंटेनेस का रुपया देने का समय 30 दिन से कम कर 15 दिन कर दिया गया है।
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