कोरोना के संकट भरे माहौल में हम आपको एक नियम की जानकारी देने जा रहे है। ऐसा नियम जिससे करोड़ों पेंशनर्स को फायदा होगा।सरकार ने पेंशन लेने वाले बुजुर्गों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र पाने के संबंध में नए नियम लागू कर दिए हैं। इसका नोटिफिकेशन भी जारी हो चुका है।
अब पेंशनर्स के वास्ते डिजिटल तौर पर जीवन प्रमाण पत्र यानी लाइफ सर्टिफिकेट पाने के लिए आधार को स्वैच्छिक बना दिया गया है।सरकार ने बेहतर प्रशासन संचालन (सोशल वेलफेयर, इनोवेशन, नॉलेज) नियम 2020 में अपने इंस्टेंट मैसेजिंग सॉल्यूशन ऐप 'संदेश' और सार्वजनिक कार्यालयों में हाजिरी लगाने के लिए आधार ऑथेंटिकेशन को भी स्वैच्छिक कर दिया है। हालांकि, ये नियम मार्च महीने लागू हो चुके है। हम आपको इसकी अब विस्तार से जानकारी दे रहे है।
पेंशनर्स के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट की शुरुआत बुजुर्गों को राहत देने के लिए की गई थी। पेंशन लेने के लिए अपने जीवित होने का सबूत देने के लिए उन्हें लंबी यात्रा कर पेंशन वितरित करने वाली एजेंसी के समक्ष उपस्थित होना पड़ता था।फिर वे जहां नौकरी करते रहे हैं वहां से उन्हें जीवन प्रमाणपत्र लाना होता था और उसे पेंशन वितरण एजेंसी के पास जमा कराना होता था। डिजिटल तरीके से जीवन प्रमाणपत्र जारी करने की सुविधा मिलने के बाद पेंशनरों को खुद संगठन या एजेंसी के समक्ष उपस्थित होने की अनिवार्यता से निजात मिल गया।
अब नहीं रुकेगी पेंशन-कई पेंशनर्स ने इस मामले में शिकायत की कि आधार कार्ड नहीं होने की वजह से उन्हें पेंशन मिलने में कठिनाई उठानी पड़ रही है या उनके अंगूठे का निशान मेल नहीं खा रहा है। इसके लिए कुछ सरकारी संगठनों ने जहां 2018 में वैकल्पिक रास्ता निकाला था। वहीं, अब जारी अधिसूचना के जरिये आधार को डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जारी करने के लिए स्वैच्छिक बना दिया गया है।
इलेक्ट्रानिक्स और आईटी मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि जीवन प्रमाण के लिए आधार की प्रामाणिकता स्वैच्छिक आधार पर होगी। इस मामले में एनआईसी को आधार कानून 2016, आधार नियमन 2016 और कार्यालय ज्ञापन तथा यूआईडीएआई की ओर से समय-समय पर जारी सकुर्लर और दिशानिर्देशों का अनुपालन करना होगा।
साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीवन प्रमाण (लाइफ सर्टिफिकेट) के पहले वर्ज़न को लॉन्च किया था। इसमें पेंशन पाने वाले व्यक्ति को बैंक की जगह आधार केंद्र से जोड़ा गया था। आधार केंद्र जाकर प्रमाण पत्र देने की वजह से पेंशन पाने वाले लोगों की समस्या ठीक नहीं हुआ। अब नए तरीके में उन्हें कहीं जाने की औपचारिकता की जरूरत नहीं रह गयी है।
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