OLD PENSION NEWS | OLD PENSION FOR MAHARASHTRA EMPLOYEE
अनुदानित, बिना सदस्यता वाले, आंशिक रूप से अनुदानित अध्यापको कों और शालेय कर्मचारियों के लिए बहुत अच्छी खबर है। महाराष्ट्र राज्य सरकार ने इन सभी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बनाए रखने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार ने 10 जुलाई को जारी अधिसूचना को वापस ले लिया है, जिससे पुरानी पेंशन योजना में बाधा उत्पन्न हुई थी। इससे इन अध्यापको और शिक्षण कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है। (महाराष्ट्र सरकार ने शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल की)
10 जुलाई, 2020 को, शालेय शिक्षा और खेल विभाग ने महाराष्ट्र के निजी स्कूल स्टाफ (सेवा की शर्तें) नियम, 1981 में बदलाव का सुझाव देते हुए एक अधिसूचना जारी की थी। तदनुसार, राज्य में अनुदानित, बिना सदस्यता वाले, आंशिक रूप से अनुदानित अध्यापको और शालेय कर्मचारियों के लिए एक नई पेंशन योजना लागू करने का निर्णय लिया गया है।
इसलिए, इस अधिसूचना में दिए गए परिवर्तन से राज्य में 1 नवंबर, 2005 से पहले नियुक्त हजारों प्राध्यापकों, अध्यापको और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की वृद्धावस्था पेंशन पाने के अधिकार को खतरा हो गया था। राज्य में सभी अध्यापको और प्राध्यापकों संघों द्वारा उनका घोर विरोध किया गया था। अध्यापको के भारी विरोध के कारण, सरकार ने आखिरकार दो कदम पीछे लेने का फैसला किया और आखिरकार 10 जुलाई को जारी अधिसूचना वापस ले ली है। इससे राज्य के हजारों अध्यापको और शालेय कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है।
अध्यापको और स्नातक विधायकों ने दस दिन पहले मंत्रालय में शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ के साथ बैठक की थी ताकि इस अभिसूचना को ख़ारिज किया जा सके। उस समय, इन विधायकों ने गायकवाड़जी से पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग की थी। इस नई अधिसूचना से 1 नवंबर 2005 से पहले भर्ती हुए हजारों अध्यापको और शालेय कर्मचारियों को नुकसान हो सकता है इससे अध्यापक वर्ग में गुस्सा पैदा हो सकता है ऐसा शिक्षा मंत्री गायकवाड़जी के ध्यान में लाया गया। इस वजह से यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। इस बैठक में विधायक विक्रम काले, कपिल पाटिल, सुधीर तांबे, सतीश चव्हाण, जयंत असगांवकर, अभिजीत वंजारी उपस्थित थे। (महाराष्ट्र सरकार ने शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल की)
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